आज के इस भाग दोड़ भरी ज़िन्दगी में , जहाँ लोगों के पास time की कमी है , वही इसके कारन संतुस्ट रहना लोग भूल चुके है।
लोग ख़ुशी तो चाहते है -लेकिन यह भूल गए है की ख़ुशी कैसे आती है ?
जो खुश नहीं है तो समझिये की वह व्यक्ति जीवन का एक महत्वपूर्ण सत्य नहीं जानता है और वह है संतुस्टता।
संतुस्टता एक ऐसा उपहार है जीवन का जो आपके जीवन को सुन्दर और सुखमयी बना देगा।
संतुस्ट व्यक्ति खुद भी सुखी रहता है और दूसरों को भी ख़ुशी ही देता है।
santust kare |
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लेकिन प्रश्न यह उठता है की हम संतुस्ट कैसे रहे ? जबकि इस दुनिया में सब भाग ही रहे है , कोई नौकरी के पीछे तो कोई छोकरी के पीछे तो कोई किसी कुछ के पीछे।
मेरे कहने का मतलब है सबकी बुद्धि किसी ना किसी चीज को हासिल करने में लगी हुयी है ,
देखा जाये तो ये कामनाये कभी ख़त्म नहीं होगी , यह 1 से 2 और आगे बढ़ते ही रहेगी , और आपकी ज़िन्दगी ऐसे में ही ख़त्म हो जाएगी।
जिस दिन आप संतुस्ट हो जायेँगे कि बस अब बोहोत हो चूका अब मुझे और इस दुनिया से कुछ नहीं चाहिए , तो एक बात मेरा मानिये उसी दिन से आपके जीवन में स्वर्ग आ जाएगा।
अब बात करते है की संतुस्ट कैसे रहा जाये ? संतुस्ट रहने के लिए क्या हमें कुछ करने की दरकार पड़ती है ?
वह व्यक्ति संतुस्ट है जो अपने काम में खुश है , चाहे वह ड्राइवर हो ,डॉक्टर हो या फिर वकील हो। यदि वह अपने काम करने के दौरान चिड़चिड़ापन महसूस करता है तो वह व्यक्ति संतुस्ट नहीं है।
सन्तुस्टता की निसानी है की वह खुद भी खुश होगा और दुशरों को भी ख़ुशी ही देगा।
तो आप भी अपने कार्य को संतुस्ट होकर मजे लेकर करिये फिर देखिये आपके जीवन में क्या -क्या बदलाव आते है।
Thought :- दुआओं का खाता जमा करने का साधन है- संतुस्ट रहना और संतुस्ट करना।
यदि आपका कोई प्रश्न या सुझाव है तो हमें जरूर निचे कमेंट करके बताये।
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