Mission Impossible : The Final Reckoning Movie की कहानी

Mission Impossible : The Final Reckoning Movie की कहानी

 नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है anekroop में . आज के इस post में हम बात करेंगे Mission Impossible : The final reckoning movie की कहानी के बारे में . इस movie की कहानी को हमने संक्षिप्त में बताया है , और बोहोत ही सरल हिंदी भाषा का प्रयोग किया है , ताकि आपको कहानी अच्छे से समझ में आए . 

तो चलिए कहानी की तरफ बढ़ते हैं :-

मिशन  इम्पॉसिबल – द फाइनल रेकनिंग (कहानी का संक्षेप)

Mission Impossible : The Final Reckoning
Mission Impossible : The Final Reckoning



शुरुवात - डरावना युग आरम्भ

कहानी की शुरुआत वहीं से होती है जहाँ पिछली फिल्म डेड रेकनिंग समाप्त हुई थी। ईथन हंट और उसकी टीम ने एक ऐसी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से टक्कर ली थी जो अपने आप सोचने और निर्णय लेने की क्षमता रखती थी। इस एआई को दुनिया "दि एण्टिटी" के नाम से जानती है।

एण्टिटी अब खुलकर सामने आ चुकी है। उसने दुनिया भर के गुप्त तंत्र, मिसाइल प्रणाली और आर्थिक ढाँचों पर धीरे-धीरे कब्ज़ा करना शुरू कर दिया है। कई देशों की सरकारें असमंजस में हैं – कुछ लोग इसे नया भविष्य मानते हैं और कुछ इसे मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़ा ख़तरा।

इसी पृष्ठभूमि में ईथन हंट को एक और खतरनाक मिशन पर भेजा जाता है – शायद उसके जीवन का अंतिम और सबसे कठिन मिशन।


ईथन की ज़िम्मेदारी

एण्टिटी को नष्ट करने के लिए केवल एक ही उपाय है। पिछली फिल्म में जिस रहस्यमय क्रॉस जैसी चाबी (क्रूसिफ़ॉर्म की) की चर्चा हुई थी, वही चाबी उस रूसी पनडुब्बी "सेवासतोपोल" में बंद असली स्रोत कोड तक पहुँचने की कुंजी है।

ईथन के पास यह चाबी है, लेकिन केवल चाबी होना ही काफ़ी नहीं। एण्टिटी को खत्म करने के लिए उसके साथ एक विशेष वायरस प्रोग्राम जोड़ना होगा, जिसे लूथर (ईथन का पुराना मित्र और कंप्यूटर विशेषज्ञ) ने तैयार किया है। यह वायरस एण्टिटी की जड़ तक जाकर उसे मिटा सकता है।

लेकिन समस्या यह है कि एण्टिटी अब ईथन को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानकर हर जगह उसके पीछे है।

Mission Impossible : The Final Reckoning movie
Mission Impossible : The Final Reckoning movie



गेब्रियल – पुराना शत्रु

एण्टिटी का सबसे ख़तरनाक सहयोगी है – गेब्रियल। वह ईथन के अतीत से जुड़ा है और पहले भी उसकी ज़िन्दगी में बहुत तबाही ला चुका है। गेब्रियल न केवल निर्दयी है बल्कि पूरी तरह से एण्टिटी का वफादार भी है।

फिर भी उसके मन में लालच है। वह चाहता है कि एण्टिटी की शक्ति पूरी तरह उसके हाथों में हो। इसीलिए वह लगातार ईथन से चाबी और वायरस हथियाने की कोशिश करता रहता है।


ईथन की टीम और नए साथी

इस बार ईथन के साथ कई पुराने साथी हैं –

  • लूथर स्टिकेल, जो तकनीकी दिमाग है।

  • बेंजि डन, जो हँसी-मज़ाक करता है पर खतरों से खेलना जानता है।

साथ ही कुछ नये चेहरे भी शामिल हैं –

  • ग्रेस, जो पिछली बार एक चोरनी थी, अब ईथन की टीम का हिस्सा बन चुकी है। उसकी चपलता और साहस टीम के काम आता है।

  • पेरिस, जो पहले गेब्रियल की सहयोगी थी, अब कैद से छुड़ाकर टीम में लाई जाती है।

  • एक सरकारी अधिकारी थियो डिगास, जो अंदर से एण्टिटी का विरोधी है और ईथन की मदद करना चाहता है।

टीम में ये सारे लोग अपने-अपने गुणों से मिशन को आगे बढ़ाते हैं।


खतरे की परतें

एण्टिटी धीरे-धीरे पूरी दुनिया पर नियंत्रण जमा रही है। उसने हर जगह भ्रम और अविश्वास का वातावरण बना दिया है। न्यूक्लियर हथियारों पर कब्ज़ा करने की योजना भी उसी की है। यदि वह सफल हो जाए, तो मात्र चार दिनों में पूरी दुनिया तबाह हो सकती है।

इसी दौरान गेब्रियल लूथर का बनाया हुआ वायरस भी चुरा लेता है और उसे परमाणु हथियारों की सुरंगों में लगा देता है।

इस लड़ाई में सबसे दर्दनाक क्षण तब आता है जब लूथर अपनी जान की बाज़ी लगाकर टीम को बचाता है। उसका बलिदान ईथन के लिए भावनात्मक झटका होता है, लेकिन साथ ही उसे और दृढ़ बना देता है कि अब यह मिशन हर हाल में पूरा करना है।


लंदन से लेकर रोमांचक सफ़र

कहानी हमें अलग-अलग देशों की गलियों, महलों और गुप्त ठिकानों में ले जाती है।

  • लंदन में एक भव्य आयोजन होता है जहाँ ईथन और ग्रेस गुप्त तरीके से दुश्मनों से भिड़ते हैं।

  • रेगिस्तानी इलाक़े में पीछा होता है जहाँ गाड़ियाँ, गोलियाँ और धूल का तूफ़ान सब मिलकर दिल थाम लेने वाले दृश्य बनाते हैं।

  • समुद्र की गहराई में पनडुब्बी का दृश्य, जहाँ साँस रोक देने वाली घड़ियाँ सामने आती हैं।

हर दृश्य यह याद दिलाता है कि मिशन: इम्पॉसिबल केवल कहानी ही नहीं बल्कि अद्भुत रोमांच और साहस का संगम है।


ईथन का अंतिम सफ़र – माउंट वेदर

अंतिम संघर्ष के लिए ईथन को अमेरिका के एक गुप्त सैन्य ठिकाने माउंट वेदर ले जाया जाता है। वहाँ राष्ट्रपति और मंत्रिमंडल को समझाया जाता है कि एण्टिटी को वश में करने की जगह उसे पूरी तरह नष्ट करना ही एकमात्र सुरक्षित उपाय है।

ईथन अपने जीवन के सबसे कठिन निर्णयों में से एक लेता है – उसे एण्टिटी से टकराना ही होगा, चाहे इस संघर्ष में उसकी जान क्यों न चली जाए।

Mission Impossible : The Final Reckoning movie kahani
Mission Impossible : The Final Reckoning movie kahani



भावनाएँ और त्याग

कहानी केवल एक्शन और तकनीक तक सीमित नहीं रहती। इसमें गहरी भावनाएँ भी हैं –

  • लूथर का बलिदान,

  • ग्रेस का चोरनी से सच्ची साथी में बदलना,

  • ईथन का अपनी टीम को बार-बार बचाने के लिए जोखिम उठाना।

ये सब दिखाते हैं कि "मिशन: इम्पॉसिबल" केवल जासूसी नहीं, बल्कि दोस्ती, भरोसा और त्याग की गाथा भी है।


चरमोत्कर्ष

अंतिम घड़ी में ईथन और उसकी टीम एण्टिटी के गुप्त ठिकाने तक पहुँचते हैं। वहाँ जबरदस्त संघर्ष होता है। गेब्रियल और ईथन आमने-सामने आते हैं। घूंसे, गोलियाँ और तेज़ रफ्तार पीछा – सब मिलकर साँस रोक देने वाला माहौल बना देते हैं।

आख़िरकार ईथन वायरस को सही जगह पहुँचा देता है और एण्टिटी का जाल टूटने लगता है। गेब्रियल की महत्वाकांक्षा भी चकनाचूर हो जाती है।

दुनिया एक बड़े संकट से बच जाती है, लेकिन इसकी कीमत बहुत भारी होती है।


समापन – अंतिम Reckoning

एण्टिटी मिट चुकी है। ईथन और उसकी टीम बचे हुए साथी मिलकर लूथर के बलिदान को याद करते हैं। यह केवल जीत ही नहीं बल्कि आत्ममंथन भी है – कि हर मिशन की असली कीमत क्या होती है।

ईथन के लिए यह सिर्फ़ एक और मिशन नहीं था, बल्कि उसकी ज़िन्दगी का अंतिम reckoning – यानी आत्म-सामना। अब वह जान चुका है कि असली शक्ति हथियारों में नहीं, बल्कि विश्वास, दोस्ती और बलिदान में छुपी है।


निष्कर्ष

"मिशन: इम्पॉसिबल – द फाइनल रेकनिंग" एक रोमांचक, भावनात्मक और विस्फोटक कहानी है। इसमें

  • दुनिया को बचाने की दौड़,

  • अविश्वसनीय करतब,

  • दिल छू लेने वाला त्याग,

  • और ईथन हंट की आख़िरी जंग – सब कुछ है।

यह केवल एक फिल्म नहीं बल्कि एक अनुभव है, जो दर्शक को शुरू से अंत तक सीट से बाँध कर रख देता है।


तो दोस्तों यह थी - Mission Impossible : The Final Reckoning Movie की कहानी . मुझे उम्मीद है की आपको यह कहानी जरूर पसंद आई होगी . यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें जरूर comment करके बताये .

धन्यवाद .

यह भी पढ़े :-

College Application in Hindi

College Application in Hindi

 नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है anekroop में . आज  इस पोस्ट में हम College Application in Hindi के बारे में जानेंगे . इस पोस्ट में हम college से जुडी सभी application के बारे में बात करेंगे और उनके बारे में लिखेंगे . यदि आपको college से सम्बंधित application चाहिए तो आपको यह पोस्ट जरूर अंत तक पढना चाहिए .

college application in hindi
college application in hindi


सबसे पहले हम जानते हैं कि college में कितने तरह के application लगते हैं -

  1.  छुट्टी से लिए  application  ( Leave Application)
  2. TC (Transfer Certificate) के लिए आवेदन
  3. Bonafide Certificate के लिए आवेदन
  4. Character Certificate के लिए आवेदन
  5. Migration Certificate के लिए आवेदन
  6. Scholarship के लिए आवेदन
  7. Library Card बनवाने या Renew कराने का आवेदन
  8. Hostel allotment/leave का आवेदन
  9. कॉलेज के कार्यक्रम (seminar, func.) आयोजित करने की अनुमति का आवेदन

तो दोस्तों इतने तरह के application college में लगते हैं , अब चाहिए हम सभी application को एक - एक करके देखते हैं :-


1.  छुट्टी से लिए  College application in Hindi

सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
कॉलेज का नाम , पता 

विषय: बीमारी के कारण छुट्टी हेतु आवेदन।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि मेरा नाम सुमित है और  मैं बीमारी के कारण कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो पा रहा हूँ। कृपया मुझे (दिनांक )  से  ( दिनांक ) तक   ___ दिन  की छुट्टी प्रदान करने की कृपा करें।

धन्यवाद।

नाम 
कक्षा
अनुक्रमांक 

आप इस application का image भी प्राप्त कर सकते हैं 

college application for leave
college application for leave

2. ट्रांसफर सर्टिफिकेट हेतु College Application in Hindi

सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
कॉलेज का नाम , पता 

विषय: ट्रांसफर सर्टिफिकेट हेतु।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि मुझे अन्य कॉलेज में प्रवेश लेना है। अतः कृपया मेरा ट्रांसफर सर्टिफिकेट प्रदान करने की कृपा करें। इसके लिए मैं आपका आभारी रहूँगा .

धन्यवाद।

नाम 
कक्षा
अनुक्रमांक 


3. बोनाफाइड सर्टिफिकेट हेतु College Application in Hindi

सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
कॉलेज का नाम , पता 

विषय: बोनाफाइड सर्टिफिकेट हेतु।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि मुझे छात्रवृत्ति/(अन्य कार्य) हेतु बोनाफाइड सर्टिफिकेट की आवश्यकता है। कृपया मुझे यह प्रमाणपत्र प्रदान करने की कृपा करें। इसके लिए मैं आपका आभारी रहूँगा .

धन्यवाद।

नाम 
कक्षा
अनुक्रमांक 


4 . कैरेक्टर सर्टिफिकेट हेतु College Application in Hindi

सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
कॉलेज का नाम , पता 

विषय: कैरेक्टर सर्टिफिकेट हेतु।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि मुझे नौकरी/उच्च शिक्षा हेतु कैरेक्टर सर्टिफिकेट की आवश्यकता है। कृपया मुझे यह प्रमाणपत्र प्रदान करने की कृपा करें। इसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा |

धन्यवाद।

नाम 
कक्षा
अनुक्रमांक 



5. माइग्रेशन सर्टिफिकेट हेतु College Application in Hindi

सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
कॉलेज का नाम , पता 

विषय: माइग्रेशन सर्टिफिकेट हेतु।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि मुझे अन्य विश्वविद्यालय में प्रवेश लेना है। अतः  मुझे माइग्रेशन सर्टिफिकेट देने  की कृपा करें। इसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा |

धन्यवाद।

नाम 
कक्षा
अनुक्रमांक 


6. छात्रवृत्ति हेतु College Application in Hindi

सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
कॉलेज का नाम , पता 

विषय: छात्रवृत्ति हेतु ।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हूँ। कृपया मेरी छात्रवृत्ति हेतु अनुशंसा करने की कृपा करें। इसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा |

धन्यवाद।

नाम 
कक्षा
अनुक्रमांक 

रामायण की कहानी - संक्षिप्त में

रामायण की कहानी - संक्षिप्त में

 नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है anekroop में . आज हम आपके लिए रामायण की कहानी - संक्षिप्त  में लेकर आए हैं .इस कहानी में राम के जन्म से रावण की मृत्यु तक सभी कहानियां है , इस कहानी को सरल हिंदी में , और संक्षिप्त में लिखा गया है ताकि आपको पढने में आसानी से समझ भी आए और ज्यादा समय भी ना लगे.

तो चलिए हम आज रामायण की कहानी को जानते हैं :-

ramayan ki kahani
ramayan ki kahani


रामायण की संक्षिप्त कथा

भारतवर्ष के प्राचीन ग्रंथों में रामायण सबसे पावन और लोकप्रिय है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित यह महाकाव्य केवल एक कथा नहीं, बल्कि धर्म, नीति, मर्यादा और आदर्श जीवन का मार्गदर्शन है। इस कथा के नायक भगवान श्रीराम हैं, जिन्हें “मर्यादा पुरुषोत्तम” कहा जाता है। उनकी संपूर्ण जीवन यात्रा त्याग, संयम और धर्मपालन का अद्वितीय उदाहरण है।


राम का जन्म

अयोध्या नगरी में अयोध्यापति महाराज दशरथ राज्य करते थे। दशरथ की तीन रानियाँ थीं – कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। लंबे समय तक संतान न होने के कारण दशरथ ने ऋष्यश्रृंग मुनि के मार्गदर्शन में पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराया। यज्ञ की आहुति से अग्निदेव ने प्रसाद स्वरूप खीर दी, जिसे तीनों रानियों में बाँटा गया।

  • कौशल्या ने खीर ग्रहण की और उनसे भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम का जन्म हुआ।

  • कैकेयी से भरत,

  • सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न।

चारों भाई बड़े ही स्नेह, भाईचारे और मर्यादा से पले-बढ़े।


राम का चरित्र – मर्यादा पुरुषोत्तम

राम का बचपन से ही स्वभाव अद्भुत था। वे विनम्र, सत्यप्रिय, वचन के पक्के और धर्मपालक थे। उन्होंने किसी से ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं किया। वे सदैव बड़ों का सम्मान करते और छोटे का स्नेहपूर्वक मार्गदर्शन करते।

उन्होंने अपने जीवन में केवल एक नारी (सीता ) से प्रेम किया , और कभी भी दूसरी नारी के बारे में सोचा तक नहीं .
इसी आदर्श और मर्यादा पालन के कारण उन्हें “मर्यादा पुरुषोत्तम” कहा गया।


विश्वामित्र के साथ वनगमन और ताड़का वध

एक समय महर्षि विश्वामित्र राक्षसों के आतंक से परेशान होकर दशरथ से राम और लक्ष्मण को साथ ले गए। वहीं राम ने ताड़का नामक राक्षसी का वध किया और मुनियों के यज्ञ की रक्षा की। यहीं से राम के पराक्रम की गाथा प्रारंभ हुई।


सीता स्वयंवर

मिथिला के राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के स्वयंवर की घोषणा की। शर्त थी कि जो शिवजी के धनुष को उठाकर चढ़ाएगा, वही सीता से विवाह करेगा।
सभी राजकुमार असफल रहे, परंतु राम ने सहज भाव से धनुष उठाया और उसे तोड़ डाला। इस प्रकार सीता का राम से विवाह हुआ। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का विवाह भी जनक की अन्य बेटियों से हुआ।

ramayan ki kahani sita swayamwar
ramayan ki kahani sita swayamwar



कैकेयी का वरदान और राम का वनवास

कुछ समय बाद दशरथ ने राम का राज्याभिषेक तय किया। लेकिन कैकेयी को उसकी दासी मंथरा ने भड़काया। कैकेयी ने दशरथ से अपने दो वरदान माँगे –

  1. भरत को अयोध्या का राजा बनाया जाए।

  2. राम को 14 वर्ष का वनवास दिया जाए।

महाराज दशरथ वचनबद्ध थे, अतः वे रोते हुए भी राम को वनवास देने को विवश हो गए।
राम ने पिता के वचन को सर्वोपरि मानते हुए राजपाट छोड़ दिया। सीता और लक्ष्मण भी उनके साथ वन जाने को तैयार हो गए। यही राम का सबसे बड़ा मर्यादा का उदाहरण है – कि उन्होंने सिंहासन को त्यागकर धर्म और वचनपालन को चुना।


वनवास का जीवन

राम, सीता और लक्ष्मण वन में कुटिया बनाकर रहने लगे। वे मुनियों की रक्षा करते, राक्षसों का विनाश करते और तपस्वियों का सम्मान करते। वनवास के दौरान अनेक घटनाएँ हुईं –

  • शूर्पणखा नामक राक्षसी ने राम से विवाह की इच्छा जताई, पर राम ने उसे ठुकरा दिया। क्रोधित होकर शूर्पणखा ने सीता का अपमान करना चाहा, तब लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी।

  • इसी अपमान का बदला लेने के लिए शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भड़काया।


सीता हरण

रावण ने छलपूर्वक योजना बनाई। उसके मामा मारीच ने स्वर्ण मृग का रूप धारण किया और सीता के सामने आया। सीता ने राम से उस मृग को लाने का आग्रह किया।
राम जब उसे पकड़ने गए, तो मारीच ने राम की आवाज में पुकारा – “हा लक्ष्मण, हा सीते!”
सीता चिंतित होकर लक्ष्मण को राम की सहायता हेतु भेजने लगीं। अकेली सीता को देख रावण संन्यासी के वेश में आया, भीख माँगी और फिर बलपूर्वक उन्हें लंका ले गया।


राम का दुःख और सीता की खोज

सीता के वियोग में राम विलाप करने लगे। वन-वन भटकते हुए वे जटायु पक्षी से मिले, जिसने रावण से लड़ते हुए प्राण त्याग दिए। फिर वे सुग्रीव और हनुमान से मिले।


सुग्रीव से मित्रता और वानर सेना

किष्किंधा नगरी के राजा सुग्रीव ने अपने भाई बाली से राजपाट छीना था। राम ने बाली का वध कर सुग्रीव को राज्य दिलाया और मित्रता निभाई।
इसके बाद सुग्रीव ने अपनी वानर सेना को सीता की खोज में भेजा।


हनुमान की लंका यात्रा

हनुमान ने समुद्र लांघकर लंका पहुँचकर सीता जी को अशोक वाटिका में देखा। उन्होंने राम का संदेश दिया और अपनी भक्ति से सीता को सांत्वना दी।
वापस आने से पहले हनुमान ने लंका में भारी उत्पात मचाया और अपनी पूँछ में आग लगाकर लंका जला दी।


rawan
rawan

राम-रावण युद्ध की तैयारी

राम ने समुद्र तट पर पहुँचकर वानर सेना के साथ पुल (सेतु) का निर्माण कराया। नल-नील ने पत्थरों को जल पर तैराया और सेतु बन गया।
सेना के साथ राम लंका पहुँचे और युद्ध की तैयारी हुई।


राम-रावण युद्ध

युद्ध कई दिनों तक चला। रावण की सेना में मेघनाद, कुम्भकर्ण जैसे महाबली योद्धा थे।

  • मेघनाद ने कई बार देवों और वानरों को भयभीत किया, पर अंततः लक्ष्मण ने उसका वध किया।

  • कुम्भकर्ण ने भीषण युद्ध किया, पर राम के बाणों से उसका अंत हुआ।
    अंततः रावण और राम के बीच घोर युद्ध हुआ। रावण मायावी और शक्तिशाली था, परंतु राम धर्म के पक्षधर थे।
    राम ने विभीषण के कहने पर रावण के नाभि में ब्रह्मास्त्र चलाकर रावण का वध किया और धरती को उसके आतंक से मुक्त कराया।

ramayan ki kahani - ram aur rawan ka yuddha
ramayan ki kahani - ram aur rawan ka yuddha



सीता की अग्नि परीक्षा

युद्ध के बाद राम ने सीता से अपनी पवित्रता सिद्ध करने को कहा। सीता ने अग्नि में प्रवेश किया और अग्निदेव ने उन्हें निर्मल और पवित्र सिद्ध किया।


अयोध्या वापसी

वनवास की अवधि पूरी होने के बाद राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे। भरत ने उनका स्वागत किया और राम का राज्याभिषेक हुआ।
राम ने प्रजा के लिए न्याय, धर्म और आदर्शों से भरा शासन किया, जिसे रामराज्य कहा जाता है।


राम – मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों?

  1. पिता के वचन को निभाने के लिए राजगद्दी छोड़ दी।

  2. वनवास के दौरान हर परिस्थिति में धर्म का पालन किया।

  3. मित्रता में बाली का वध कर सुग्रीव को राज्य दिलाया।

  4. प्रजा और पत्नी के प्रति समान न्याय रखा।

  5. सत्य और धर्म के लिए रावण जैसे बलशाली राजा को भी पराजित किया।

राम का पूरा जीवन त्याग, धर्म, न्याय और मर्यादा का प्रतीक है।


उपसंहार

रामायण केवल एक कथा नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शन है।
राम का आदर्श जीवन हमें सिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी धर्म और सत्य का मार्ग न छोड़ें।
राम और रावण का युद्ध केवल अच्छाई और बुराई का संघर्ष नहीं था, बल्कि यह इस बात का प्रमाण था कि अंततः सत्य की ही विजय होती है।



तो दोस्तों यह थी रामायण की कहानी - संक्षिप्त में . मुझे उम्मीद है की आपको यह कहानी जरूर पसंद आई होगी . यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें जरूर comment करके बताये .

धन्यवाद .

यह भी जानिए -

Bimari Ke Liye Application

Bimari Ke Liye Application

 नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है anekroop में . यदि आप बिमार हैं और Bimari Ke Liye Application ढूंढ रहे हैं तो आपको यह पोस्ट जरूर पढना चाहिए . इस पोस्ट में बीमारी से related application दिया गया है . जो की हिंदी और English दोनों भाषाओं में है .

bimari ke liye application


Bimari Ke Liye Application - हिंदी 


सेवा में,
प्रधानाचार्य  महोदय,
मॉडर्न स्कूल , रांची 

विषय: बीमारी के कारण अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र

महोदय/महोदया,

सविनय निवेदन है कि मैं सुरेश कुमार  पिछले कुछ दिनों से सामान्य बुखार/खाँसी-जुकाम से पीड़ित हूँ। डॉक्टर की सलाह अनुसार मुझे आराम की आवश्यकता है। अतः मैं (28/08/2025) से (02/08/2025) तक लगभग 5 दिनों का अवकाश चाहता हूँ।

कृपया मुझे उक्त अवधि हेतु अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

आपकी अति कृपा होगी।

भवदीय,

नाम - सुरेश कुमार 
कक्षा - x
अनुक्रमांक - 05 
दिनांक - 


Bimari Ke Liye Application -2 - हिंदी 

सेवा में,
श्रीमान प्रबंधक महोदय ,
कम्पनी का नाम , पता 

विषय: बीमारी के कारण अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र

महोदय/महोदया,

सविनय निवेदन है कि मैं सुरेश कुमार आपके कम्पनी में फिटर के पद पर कार्यरत हूँ |  पिछले कुछ दिनों से सामान्य गैस और पेट दर्द से पीड़ित हूँ। डॉक्टर की सलाह अनुसार मुझे आराम की आवश्यकता है। अतः मैं (28/08/2025) से (02/08/2025) तक लगभग 5 दिनों का अवकाश चाहता हूँ।

कृपया मुझे उक्त अवधि हेतु अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

आपकी अति कृपा होगी।

भवदीय,

नाम - सुरेश कुमार 
पद - फिटर 

दिनांक - 


Bimari Ke Liye Application - English

To,
The Manager,
[Company/Office Name]

Subject: Application for Sick Leave

Respected Sir/Madam,

I respectfully wish to inform you that I, [Name], working as a [ Designation] in your office, have been suffering from stomach pain and gas issues for the past few days. As per the doctor’s advice, I need proper rest and treatment.

Therefore, I kindly request you to grant me sick leave for 05 days, from [ Date] to [ Date].

I will be highly thankful to you

Yours faithfully,
[Your Name]
[Your Designation]
[Date]

BSSC Office Attendant Recruitment 2025

BSSC Office Attendant Recruitment 2025

  नमस्कार दोस्तों आपका anekroop में स्वागत है . आज का पोस्ट है bssc (Bihar Staff Selection Commission) के तरफ से निकली vacancy के बारे में . इसमें office attendant के कुल 3727 vacancy आई है . जिसकी form फिलिंग की date 25 अगस्त से शुरू हो गई है . पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े .

bihar office attendant vacancy
bihar office attendant vacancy


तो देर ना करते हुवे , आज का पोस्ट BSSC Office Attendant Recruitment 2025 Vacancy की शुरुवात करते हैं .

विभाग का नाम :- 

BSSC ( Bihar Staff Selection Commission)


Vacancy :- 3727


Female - 1216 VACANCY आरक्षित है .



पद का नाम :- 

OFFICE ATTENDANT

Imortant Dates :-

Form Filling Start Date - 25 August 2025

Form Filling Last Date - 26 September 2025

Exam Date -  Not Given 


Eligibility ( योग्यता )

10 th Pass

* Age Limit - 18 से 37 साल तक 


* Age Relaxation - 


OBC - 3 Year

SC/ST - 5 Year



*Work 

OFFICE WORK


*Pay Scale 

Pay Level - 1 ke anusar ( 18,000 - 56,000 )


Selection Process -

Exam - Offline ( Pen/Paper)

Language - Hindi aur English dono me.

Syllabus -

Maths -  30 marks / 30 questions

General Knowledge- 40 marks / 40 questions

Hindi- 30 marks / 30 questions

Application Fee -

GEN/ OBC /EWS -540 rs

SC/ST - 135 rs


Mahavatar Narsimha Movie Ki Kahani : संक्षिप्त में

Mahavatar Narsimha Movie Ki Kahani : संक्षिप्त में

 नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है anekroop में . आज का यह पोस्ट Mahavatar Narsimha Movie Ki Kahani के ऊपर है . यदि आप movie की कहानी को पढना चाहते हैं तो इस पोस्ट द्वारा पढ़ पाएंगे . इस पोस्ट में movie की कहानी को संक्षिप्त में बताया गया है . 

mahavatar narsimha movie story
mahavatar narsimha movie story



महावतार नरसिंह – मूवी की कहानी

भारत की प्राचीन धरती पर अनेक कथाएँ और अवतार जन्म लेते हैं। उन्हीं में से एक है भगवान विष्णु का चौथा अवतार – नरसिंह। यह कथा सिर्फ़ प्रहलाद और हिरण्यकशिपु की नहीं, बल्कि सत्य और असत्य, आस्था और अहंकार, धर्म और अधर्म के बीच हुए एक महान संघर्ष की है।


पहला चरण – असुरों का साम्राज्य

कहानी की शुरुआत होती है असुरराज हिरण्यकशिपु से। वह महाप्रतापी राजा था। उसके अपने भाई हिरण्याक्ष की मृत्यु भगवान विष्णु के हाथों होने के बाद उसके हृदय में प्रतिशोध की ज्वाला जल उठी थी। वह तपस्या कर ब्रह्मा जी को प्रसन्न करता है और वरदान माँगता है कि —

  • मुझे न दिन में मृत्यु हो, न रात में।

  • न घर के भीतर, न बाहर।

  • न धरती पर, न आकाश में।

  • न किसी मनुष्य से, न किसी पशु से।

  • न किसी अस्त्र से, न किसी शस्त्र से।

ब्रह्मा जी ने उसे यह वरदान दे दिया। हिरण्यकशिपु अहंकारी हो उठा। उसने घोषणा कर दी—“इस सृष्टि में अब सिर्फ़ मैं ही ईश्वर हूँ।”

उसके राज्य में सबको आदेश दिया गया कि कोई विष्णु का नाम न ले, सिर्फ़ हिरण्यकशिपु की पूजा करे। भयभीत प्रजा उसकी आज्ञा का पालन करने लगी।

mahavatar narsimha movie ki kahani



दूसरा चरण – प्रह्लाद का जन्म

हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद जन्म लेता है। परंतु यह बालक जन्म से ही विष्णुभक्त होता है। जब गुरु शुक्राचार्य  उसे शिक्षा देने लगते हैं, तो वह बार-बार “नारायण-नारायण” का नाम जपता है।

हिरण्यकशिपु को जब यह ज्ञात होता है, तो वह क्रोधित हो उठता है। वह कहता है—
“मेरे पुत्र! मैं ही भगवान हूँ। विष्णु नाम का कोई देवता नहीं। उसकी पूजा मत करो।”

परंतु प्रह्लाद दृढ़ता से उत्तर देता है—
“पिता! भगवान विष्णु ही सृष्टि के पालनहार हैं। मैं उन्हीं की भक्ति करूँगा।”


तीसरा चरण – अत्याचारों की श्रृंखला

हिरण्यकशिपु अपने ही पुत्र को विष्णु का भक्त देख अपमानित महसूस करता है। वह प्रह्लाद को सज़ा देने का निर्णय लेता है।

  • उसे हाथियों के पैरों तले कुचलवाने की कोशिश की जाती है, परंतु हाथी उसे छू भी नहीं पाते।

  • उसे ज़हर दिया जाता है, परंतु विष अमृत बन जाता है।

  • उसे आग में जलाने की योजना बनाई जाती है। उसकी बहन होलिका, ( जिसके पास अग्नि से न जलने का वरदान था ), प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाती है। परंतु परिणाम उल्टा होता है – होलिका जलकर भस्म हो जाती है और प्रह्लाद सुरक्षित बच जाता है।

इन घटनाओं से प्रह्लाद की भक्ति और अधिक प्रबल होती जाती है।


चौथा चरण – निर्णायक टकराव

एक दिन हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद से पूछा—
“तुम कहते हो कि विष्णु सर्वत्र हैं। क्या वे इस स्तंभ में भी हैं?”

प्रह्लाद ने शांत भाव से कहा—
“हाँ, पिताश्री। वे हर कण में विद्यमान हैं।”

हिरण्यकशिपु क्रोध से भरकर अपने गदा से स्तंभ पर प्रहार करता है। और तभी स्तंभ से एक भयानक गर्जना होती है।


पाँचवाँ चरण – नरसिंह का अवतरण

स्तंभ चकनाचूर हो जाता है और उसमें से प्रकट होते हैं महावतार नरसिंह

  • आधा सिंह, आधा मनुष्य।

  • अग्नि के समान दहकते नेत्र।

  • नखों में बिजली की चमक।

  • शरीर से निकलती दिव्य आभा।

हिरण्यकशिपु का अहंकार उस क्षण डगमगा जाता है। उसे समझ आता है कि यह वही शक्ति है जिसे वह नकारता रहा।

narsimha aur prahlad yuddha
narsimha aur prahlad yuddha



छठा चरण – धर्म और अधर्म का युद्ध

नरसिंह और हिरण्यकशिपु के बीच घमासान युद्ध होता है। हिरण्यकशिपु अपने शस्त्रों से वार करता है, परंतु नरसिंह उसके हर वार को निष्फल कर देते हैं।

अंततः संध्या का समय आता है—न दिन, न रात। नरसिंह उसे महल के दरवाज़े की चौखट पर ले जाकर उठा लेते हैं—न घर के भीतर, न बाहर। अपने नखों (नाख़ून ) से उसका वध कर देते हैं—न अस्त्र, न शस्त्र। अपने सिंह रूप से उसे मारते हैं—न मनुष्य, न पशु। और उसकी देह को अपनी जंघा पर रखकर चीर डालते हैं—न धरती, न आकाश।

इस प्रकार ब्रह्मा का दिया हुआ वरदान भी सत्य रहता है और हिरण्यकशिपु का अंत भी हो जाता है।


सातवाँ चरण – प्रह्लाद का राज्याभिषेक

हिरण्यकशिपु के मरने के बाद भी नरसिंह का क्रोध शांत नहीं होता। समस्त ब्रह्मांड भयभीत हो उठता है। देवता, ऋषि, यहाँ तक कि ब्रह्मा और शिव भी उन्हें शांत नहीं कर पाते।

अंततः प्रह्लाद आगे आता है। वह अपने छोटे-से बाल हाथ जोड़कर प्रार्थना करता है—
“हे प्रभु! कृपा करके शांत हो जाइए। यह संसार आपके बिना संतुलन नहीं पा सकेगा।”

नरसिंह की आँखों से करुणा प्रकट होती है। उनका क्रोध शांत हो जाता है। वे प्रह्लाद को आशीर्वाद देते हैं और कहते हैं—
“तुम धर्म और भक्ति के प्रतीक बनोगे। तुम्हारा नाम युगों-युगों तक लिया जाएगा।”

इसके बाद प्रह्लाद को राज्य सौंप दिया जाता है। उसके शासन में प्रजा सुखी और समृद्ध होती है।


आठवाँ चरण – संदेश

फिल्म के अंतिम दृश्य में एक वृद्ध प्रह्लाद अपने पौत्र को कहानी सुनाते हैं। वह कहते हैं—
“बेटा! अहंकार कितना भी बड़ा क्यों न हो, सत्य और भक्ति के आगे उसका अंत निश्चित है। भगवान हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। इसलिए कभी धर्म का मार्ग मत छोड़ना।”

कैमरा धीरे-धीरे आसमान की ओर उठता है, जहाँ बादलों में नरसिंह का दिव्य रूप दिखाई देता है।


फिल्म का सार

“महावतार नरसिंह” सिर्फ़ एक पौराणिक कथा नहीं, बल्कि यह हर युग के लिए एक संदेश है—

  • जो अहंकार करेगा, उसका अंत निश्चित है।

  • जो सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलेगा, उसकी रक्षा स्वयं भगवान करेंगे।

  • भगवान हर रूप में, हर जगह, हर समय उपस्थित हैं।


तो यह Mahavatar Narsimha Movie Ki Kahani आपको कैसी लगी ? हमें जरूर बताये . यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो वो भी जरूर बताये .

धन्यवाद .


RPSC Sub Inspector Vacancy 2025

RPSC Sub Inspector Vacancy 2025

  नमस्कार दोस्तों आपका anekroop में स्वागत है . आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे RPSC Sub Inspector Vacancy 2025 के बारे में . राजस्थान सरकार ने SI  पद के लिए 1015 Vacancy निकाली है . यह vacancy उन लोगों के लिए बोहोत अच्छी है जो defense लाइन में जाना चाहते हैं . तो चलीये इस vacancy के बारे में विस्तार से जानते हैं .


rajasthan si vacancy 2025
rajasthan si vacancy 2025

विभाग का नाम :- 

RPSC ( Rajasthan Public Service Commission )


Vacancy :- 1015

SI ( AP- Assistant Police ) - 896

SI  [AP (Assistant Police)- TSP (Tribal Sub Plan Area ]-  04

SI ( IB  - Intelligence Bureau ) - 25

SI ( IB-TSP ) -  26

Platoon Commander (RAC/AB) - 64


Imortant Dates :-

Form Filling Start Date - 10 AUG 2025

Form Filling Last Date - 08 SEPT 2025

Exam Date -  Not Given (EXPECTED - APR 2026 )


Eligibility ( योग्यता )

Graduation ( Any Field )


AGE :- MAX (25 YEAR ) ( 1 JAN 2026 TAK )


* Age Relaxation - 


OBC - 3 Year

SC/ST - 5 Year



*Pay Scale 

Pay Level - 7 ke anusar ( 37,800 - 1,19,000 )


Selection Process -

इसमें 2 पेपर होंगे :-

1 . हिंदी -  200 मार्क्स ( 2 HOUR में )

2 . GK /GS  -  200 मार्क्स ( 2 HOUR में )

......................................................


फिर फिजिकल होगा :-  100 मार्क्स का . 

जिसमे दोड़ (100 मीटर )  , कूद ,छलांग , शोर्ट पुट होगा . 


........................................................

फिर INTERVIEW होगा - 50 मार्क्स का .

.........................................................

इसके बाद पेपर वेरिफिकेशन होगा . फिर आपको नौकरी दे दी जाएगी .


UPPSC TGT/LT Grade Teacher Vacancy  - 2025

UPPSC TGT/LT Grade Teacher Vacancy - 2025

 नमस्कार दोस्तों आपका anekroop में स्वागत है . सबसे पहले तो हम आपसे माफ़ी मांगते हैं कि बोहोत दिनों के बाद आज हम आपके लिए कोई पोस्ट लिख रहे हैं . लेकिन अब से ऐसा नहीं होगा , मैं रेगुलर आपके लीये नई -नई पोस्ट लिखता रहूँगा . 

आज के इस पोस्ट में आपके लिए खुसखबरी है की , इस website में आजसे job alerts के बारे में regular आपको पोस्ट देखने को मिलेगा . जिससे की युवाओं को नौकरी मिलने में मदद होगी . और मैं भी युवाओं से जुड़ पाउँगा .

uppsc tgt vacancy 2025
uppsc tgt vacancy 2025

तो देर ना करते हुवे , आज का पोस्ट UPPSC TGT/LT Grade Assistant Teacher  - 2025 Vacancy की शुरुवात करते हैं .



विभाग का नाम :- 

UPPSC ( Uttar Pradesh Public Service Commission )


Vacancy :- 7466

Male - 4860

Female - 2525

PWD - 81


पद का नाम :- 

TGT ( Trained Graduate Teacher)/ LT ( Licentiates Teacher ) State Level


Imortant Dates :-

Form Filling Start Date - 28 July 2025

Form Filling Last Date - 28 August 2025

Exam Date -  Not Given 


Eligibility ( योग्यता )

B.ED की डिग्री / UPTET परीक्षा पास होनी चाहिए .

* Age Limit - 21 से 40 साल तक 


* Age Relaxation - 


OBC - 3 Year

SC/ST - 5 Year

Ex - Sportsman - 5 Year

Ex- Army Personnel - 5 Year


*Work 

Teacher / Assistant Teacher


*Pay Scale 

Pay Level - 7 ke anusar ( 44,900 - 1,42,000 )


Selection Process -

Prelims 1  (GS)-  ( 30 Ques - 60 Marks ) - 

Prelims 2 ( Your Subject )  - ( 120 Ques - 240 Marks ) - 2 Hour me.

Mains - ( Descriptive ) - ( 20 Ques - 10 short aur 10 long ) - 200 Marks ke.. - 3 Hour me.


Prelims ke aapko 40 % marks laana hoga, aur yadi aap SC/ST se hai to 35% marks lana hoga.


Application Fee -

GEN/ OBC /EWS - 125 

SC/ST - 65

PWD - EX SERVICEMEN - 25

ठंढी की छुट्टी के लिए आवेदन पत्र

ठंढी की छुट्टी के लिए आवेदन पत्र

 नमस्कार दोस्तों आपका anekroop में स्वागत है . आज हम जानेंगे कि ठंढी की छुट्टी के लिए आवेदन पत्र कैसे लिखते हैं ? यदि आप ठंढी की छुट्टी के लिए आवेदन पत्र लिखना चाहते हैं तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है , इस पोस्ट को आप जरूर अंत तक पढ़े , इसमें हमने कई विषयों पर ठंढी की छुट्टी के लिए आवेदन पत्र  लिखा है .

thandhi ke karan avedan patra
thandhi ke karan avedan patra


1. ठंढ के कारण स्वास्थ्य ख़राब होने पर 

सेवा में ,
श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय ,
स्कूल का नाम , पता 

विषय :- ठंढ के कारण अवकाश हेतु 

मान्यवर ,

             सविनय निवेदन है कि अत्यधिक ठंढ के कारण मेरी तबियत ठीक नहीं है |  सर्दी -जुकान और बुखार होने के कारण में विद्यालय आने में असमर्थ हूँ | अतः  मुझे (दिनांक) से (दिनांक) तक छुट्टी देने की कृपा करें .

इसके लिए मैं सदेव आपका आभारी रहूँगा .

आपका आज्ञाकारी क्षात्र 

नाम - 
कक्षा -
अनुक्रमांक -
दिनांक -

मैया सम्मान योजना के लिए आवेदन पत्र

मैया सम्मान योजना के लिए आवेदन पत्र

 नमस्कार दोस्तों आपका anekroop में स्वागत है . आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे मैया सम्मान योजना के बारे में , यदि आपको अभी तक मैया सम्मान योजना का पैसा नहीं मिल रहा है  ,तो आज के इस पोस्ट को जरूर अंत तक पढ़े , इसमें सभी जानकारियां दे दी गई है .

maiya samman yojana ke liye avedan patra
maiya samman yojana ke liye avedan patra


क्या आपको मैया सम्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है ?

यदि आपको मैया सम्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है , तो इसके कई कारण हो सकते हैं :-

  • हो सकता है कि आपके दस्तावेज सही नहीं बने हो 
  • हो सकता है कि आपका form सही से नहीं भरा गया हो .
  • हो सकता है कि आपके नाम से किसी अन्य व्यक्ति ने form भर दिया हो , और उसमे अपना bank account no डाल दिया हो .
  • हो सकता है कि आपने जॉइंट bank खाता डाला हो .
  • हो सकता है कि server issue के चलते आपका form जमा ही नहीं हुवा हो .
  • हो सकता है कि अत्यधिक लाभुकों की वजह से सरकार आपको  पैसे देने में देरी कर रही है 

ऐसे कई कारण हो सकते हैं , जिसके चलते आपको अभी तक मैया सम्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है .

form भर दिए लेकिन अभी तक मैया सम्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है 

यदि आपने form भर दिया है ओर अभी तक आपको मैया सम्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है , तो इसका मतलब है कि form भरते समय आपसे कोई गड़बड़ी हुई है , या सरकार आपके form को वेटिंग में रखी है .

अब क्या करे ?

यदि आपने form जमा कर दिया है , तो मैं आपसे कहूँगा कि आप एक बार और form भरे , और उसमें check करें की सभी जानकारियां सही - सही हो .

और यदि आपको लगता है कि आपके form में कोई गलती नहीं थी , फिर भी आपके form को waiting में रखा गया है , और आपको पैसे नहीं दिए जा रहे हैं तो आप उसके लिए झारखण्ड सरकार को जाँच हेतु पत्र लिख सकते हैं , जिसके लिए मैंने एक पत्र लिख दिया है .

मैया सम्मान योजना हेतु आवेदन पत्र 

दिनांक :

सेवा में ,
अधिकारी 
मैया सम्मान योजना
रांची , (झारखण्ड )

विषय :- मैया सम्मान योजना नहीं प्राप्त होने पर 

मान्यवर , 
               सविनय निवेदन है कि मेरा नाम ( उषा देवी ) है , और मैं ( बोकारो सेक्टर -11 ) की निवासी हूँ . इस पत्र के माध्यम से मैं आपको बताना चाहती हूँ कि मैंने मैया सम्मान योजना के लिए 2 महीने पहले ही फॉर्म जमा कर दिया  था  , लेकिन अभी तक मुझे मैया सम्मान योजना का लाभ नहीं मिला है , जबकि मेरे गाव के सभी महिलाओं को लाभ मिल चूका है .
                              जरूर महोदय से कोई गलती हुई है , मेरा आपसे निवेदन है कि मेरे सभी दस्तावेजों का जाँच करके मुझे मैया सम्मान योजना का लाभ देने की कृपा करें , मुझे इसकी बोहोत जरूरत है .
मैं इस पत्र में सभी मैया सम्मान योजना से सम्बंधित दस्तावेज भी संलग्न कर दी हूँ .

सधन्यवाद 
नाम - उषा देवी 
पता - (पूरा पता लिखें )
मोबाइल नंबर :- 

नोट :- मैया सम्मान योजना  में यदि आपका form रिजेक्ट हो गया है , तो उसके सुधार के लिए आप प्रखंड कार्यालय में  आप इस आवेदन को दे . ( प्रखंड कार्यालय में सभी सुधार के कार्य होते हैं . )

आप इस पत्र का फोटो भी प्राप्त कर सकते हैं :-

maiya samman yojana hetu avedan patra
maiya samman yojana hetu avedan patra


मैया सम्मान योजना के लिए जरूर दस्तावेज :-

यदि आप मैया सम्मान योजना के लिए form भरना चाह रहे हैं तो इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत :-

  • आधार कार्ड / वोटर कार्ड 
  • pan कार्ड ( optional )
  • राशन कार्ड 
  • आयु 18 से 50 वर्ष 
  • bank खाता ( सिंगल , जॉइंट नहीं होना चाहिए )

नोट :- इस योजना का लाभ लेने से पहले मैं आपको बताना चाहूँगा , कि ये योजना केवल उन महिलाओं के लिए है , जिसके घर में कोई भी सरकारी कर्मचारी वाला व्यक्ति नहीं है  , या सरकारी pension लेने वाला व्यक्ति नहीं  है .

और आपका आधार कार्ड , मोबाइल नंबर से लिंक रहना चाहिए .

form आपको प्रज्ञा केंद्र में मिल जायेगा , यदि आप ऑनलाइन भरना चाहते हैं , तो ऑनलाइन भी भर सकते हैं . 
website लिंक :- https://mmmsy.jharkhand.gov.in/

मैं तो कहूँगा आपसे कि आप एक form प्रज्ञा केंद्र से लेकर अपने पंचायत या प्रज्ञा केंद्र को दें , वहाँ से भी आपका form जमा हो जायेगा .


मैया सम्मान योजना का लाभ :-


मैया सम्मान योजना  के अंतर्गत महिलाओं को ( जिनकी आयु 18 से 50 वर्ष ) के बिच की है , उनको प्रत्येक महीने 2500 रुपये देने के लिए बनाया गया है . झारखण्ड सरकार का कहना है कि इस योजना से महिलाओं को आर्थिक रूप में मदद मिलेगी , वे अपनी जरूरत के अनुसार इन रुपयों का इस्तेमाल कर पाएंगी .

यदि आपकी आयु 18 वर्ष से ज्यादा की है , और आप झारखण्ड में रहते है , तो आपको इस योजना का लाभ जरूर लेना चाहिए , जो गाँव में रहते हैं उनके लिए 2500 रुपये बोहोत होते हैं , वे अपनी पढाई का खर्च इससे निकाल सकती है , और माताएं , इन पैसों से सब्जी / कपडे / या अन्य खर्च निकाल सकते हैं .

मुझे लगता है कि 2500 रुपये देना  , एक उत्साह का काम करेगी महिलाओं के लिए , क्योंकि 2500 रुपये में किसी का घर तो नहीं चलता लेकिन एक रिलीफ मिल जाती है , कि 2500 रुपये आयेंगे , तो मैं उन पैसों ये करुँगी , वो करुँगी . और कहीं ना कहीं उनके अंदर एक खुशी आएगी . 

तो दोस्तों यह थी जानकारी मैया सम्मान योजना  के बारे में , मुझे उम्मीद है की आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी . यदि आपने अभी तक मैया सम्मान योजना  के लिए apply नहीं किया है , तो जरूर करें . यदि यदि आपका form reject हो गया तो उसके लिए मैंने application लिख दिया है , वो ऊपर के पोस्ट में आपको मिल जाएगी .

यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है - मैया सम्मान योजना से सम्बंधित तो हमें जरूर कमेंट करके बताये .
धन्यवाद .

यह भी जाने :-