नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे शिवलिंग के बारे में। और शिवलिंग में दिए बिंदी के बारे में।
मै आज आपको शिवलिंग के बारे में ऐसी जानकारी देने जा रहा हूँ , जो अब तक गुप्त थी , और अब सभी इसको भूल चुके है।
सनातन धर्म में शिवलिंग की बड़ी भारी मान्यता है। Greece, Mesopotamia के खुदाइयों में भी शिवलिंग की प्रतिमाएं मिली है। और आज भी कही -कही खुदाइयों में शिवलिंग की मूर्तियां मिल रही है।
शिव +लिंग =शिवलिंग ,
शिव = कल्याणकारी , लिंक = स्वरुप , चिन्ह
यदि आपके घर में शिवलिंग का चित्र हो , तो एक बात आप उसमे गौर कीजियेगा - की शिवलिंग में लाल बिंदी होती है।
इसकी यादगार में सोमनाथ के मंदिर में बिंदी की जगह कोहिनूर हिरा था।
क्या आप शिवलिंग में दिए बिंदी के बारे में जानते है ?
दरहसल शिवलिंग में दिया हुआ बिंदी निराकार की यादगार है। गीता में भी भगवान बताते है -कि मेरा असली स्वरुप निराकार ही है।
यहाँ से यह तो सिद्ध हो जाता है की भगवान निराकार है।
और शास्त्रों में शिवलिंग का पूरा नाम :- शिव ज्योतिर्लिंग है , यानि शिव ज्योति यानि प्रकाश के स्वरुप है . जब शास्त्र लिखी गई थी , तो संस्कृत भाषा में लिखी गई थी , और संस्कृत में लिंग का अर्थ (स्वरुप , चिन्ह ) , इसीलिए शिव को प्रकाश स्वरुप भी कहा जाता है .
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इसकी यादगार में सोमनाथ के मंदिर में बिंदी की जगह कोहिनूर हिरा था।
क्या आप शिवलिंग में दिए बिंदी के बारे में जानते है ?
शिवलिंग का अर्थ |
दरहसल शिवलिंग में दिया हुआ बिंदी निराकार की यादगार है। गीता में भी भगवान बताते है -कि मेरा असली स्वरुप निराकार ही है।
यहाँ से यह तो सिद्ध हो जाता है की भगवान निराकार है।
और शास्त्रों में शिवलिंग का पूरा नाम :- शिव ज्योतिर्लिंग है , यानि शिव ज्योति यानि प्रकाश के स्वरुप है . जब शास्त्र लिखी गई थी , तो संस्कृत भाषा में लिखी गई थी , और संस्कृत में लिंग का अर्थ (स्वरुप , चिन्ह ) , इसीलिए शिव को प्रकाश स्वरुप भी कहा जाता है .
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