यह राज योग कोर्स का पहला पोस्ट है जिसमें हम जानेंगे कि आत्मा क्या है? जीवात्मा क्या होता है? आत्मा का रंग रूप क्या होता है? आत्मा दूसरे योनि में जन्म लेती है या नहीं? मृत्यु क्यों होती है? और मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है? तो चलिए :-Rajyoga Meditation Course Day 1 - आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य , को समझते है और जानते हैं कि आत्मा क्या होता है ?
इस पोस्ट में हम सभी जानकारी प्रूफ और प्रमाण के साथ देने वाले हैं इसीलिए आप इस पोस्ट को जरूर अंत तक पढ़े ।
हमारा पहला टॉपिक है की आत्मा क्या है? Rajyoga Meditation Course
आत्मा एक चेतन्य सकती है । यहां पर चैतन्य का मतलब हो गया है जान या प्राण। और शक्ति का मतलब हो गया ऊर्जा। यानी आत्मा एक प्राणमय ऊर्जा है।
लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आत्मा एक ऊर्जा क्यों है?
इसका जवाब है कि उर्जा जो होता है जिसे अंग्रेजी में एनर्जी कहते हैं वह कभी खत्म नहीं होता है। energy not be created not be destroyed। यानी एनर्जी को ना हम बना सकते हैं और ना ही खत्म कर सकते हैं, एनर्जी को हम दूसरे फॉर्म में ट्रांसफर कर सकते हैं।
वैसे ही आत्मा को ना हम बना सकते हैं और ना ही उसे खत्म कर सकते हैं इसीलिए आत्मा को अजर अमर अविनाशी कहा गया है यानी जिसका कभी जन्म नहीं हुआ, जिसकी कभी मृत्यु ना हो ,और जिसका नाश ना किया जा सके।
जैसे ,टॉर्च में बैटरी एक ऊर्जा है, मोबाइल में बैटरी एक ऊर्जा है, वैसे ही शरीर में आत्मा एक ऊर्जा है लेकिन दोनों में अंतर यही है कि शरीर में जो ऊर्जा है उसमें प्राण है या आप यह भी कह सकते हैं कि आत्मा एक जीवित ऊर्जा है।
Q,२ अब चलिए जानते हैं कि जीवात्मा क्या है? Rajyoga Meditation Course
Rajyoga Meditation Course - आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य में सबसे आसान इसको समझना है . चलिए इसको जानते हैं :-
एक होता है जड़ आत्मा और एक होता है चैतन्य आत्मा। जब आत्मा शरीर में ना हो तो उसे कहते हैं जड़ आत्मा वही जब आत्मा शरीर में हो तो उसे कहते हैं चैतन्य आत्मा यानी जीवात्मा।
यानी शरीर और आत्मा के मेल को जीवआत्मा कहा जाता है। जीवात्मा जानी जीवित आत्मा, जो बोल सके चल सके कार्य कर सके ।
जीवात्मा को हम अंग्रेजी में living being भी कहते हैं। यानी जिसमें जान है वह जीवात्मा है।
वही जो जड़ आत्मा है उसमें जान नहीं होता है, हर एक जड़ आत्मा का जीवन धारण करने का अपना अपना समय होता है, जब किसी आत्मा का शरीर धारण करने का समय होता है तो वह परमधाम से नीचे उतरती है और गर्भ धारण कर लेती है और इस प्रकार जीवात्मा का जन्म हो जाता है।
अब चलिए जानते हैं अपने तीसरे टॉपिक के बारे में जो है:-
Q.3 .आत्मा का रंग और रूप क्या है? Rajyoga Meditation Course
आत्मा का रंग होता है सफेद, क्यों सफेद? क्योंकि आत्मा पवित्र है, आत्मा को पवित्रता पसंद है, और पवित्रता को हम सफेद रंग से दिखाते हैं।
वही आत्मा का रूप है ज्योति बिंदु।
यानी प्रकाशित बिंदु के समान, जिसे हम सफेद बिंदु भी कह सकते हैं।
आत्मा बिंदु के समान क्यों है?
क्योंकि आत्मा एक बीज है और बीज बहुत छोटा होता है। आत्मा इतना छोटा बिज है कि उसे हम अपने आंखों से नहीं देख सकते। जिस तरह हम atom को यानी परमाणु को अपने इन आंखों से नहीं देख सकते हैं वैसे ही हम आत्मा को इन आंखों से नहीं देख सकते।
Q.4 हमारा अगला टॉपिक है कि क्या मनुष्य आत्मा दूसरे योनि में जन्म लेती है या नहीं ?
हमने अभी जाना की आत्मा एक बीज है अब आप आम का बीज बोईये तो क्या उसमें जामुन फल मिलेगा? नहीं मिल सकता ।
जिस तरह आम का बीज बोने पर आम का ही वृक्ष होता है
वैसे ही मनुष्य का बीज है तो मनुष्य में ही जन्म मिलता है।
इसका प्रूफ यह है कि बहुत सारे लोग हुए हैं जिन्हें अपने पिछले जन्मों के बारे में पता चला है, और उन सभी ने अपने को पिछले जन्म में मनुष्य ही कहा है।
इससे यह साबित होता है कि मनुष्य की आत्मा है तो मनुष्य में ही जन्म लेगी।
, अब हमारा जो अगला टॉपिक है वह बहुत ही मजेदार है,
Q.5 वह यह है कि मृत्यु क्यों होती है? Rajyoga Meditation Course
जब आत्मा की उर्जा कभी खत्म नहीं होती है तो मृत्यु भी नहीं होनी चाहिए,
लेकिन ऐसा नहीं होता है, क्यों ऐसा नहीं होता है ? क्योंकि शरीर का जन्म होता है और शरीर के अंदर मशीन होते हैं . जैसे हर्ट,किडनी ,लीवर इत्यादि यह शरीर के मशीन है।
तो समय बीतने पर यह मशीन खराब हो जाते हैं और आत्मा से उर्जा नहीं ले पाते हैं।
जिस तरह समय बीतने पर मोटर खराब हो जाता है और ड्राइवर लाख कोशिश करे उसे नहीं चला पाता उसी तरह वृद्ध होने पर जब शरीर के मशीन खराब हो जाते हैं तब आत्मा शरीर को नहीं चला पाती इसलिए आत्मा शरीर से निकल जाती है और फिर शरीर को मृत घोषित कर दिया जाता है।
लेकिन अब प्रश्न यह आता है कि आकाले मृत्यु में क्या होता है? जब लोग वृद्ध होने से पहले ही शरीर छोड़ देते हैं? उस समय तो उनके शरीर का मशीन नहीं खराब हुआ रहता है?
देखिए, सभी मृत्यु के केस में एक ही reason है कि शरीर का कोई महत्वपूर्ण मशीन आत्मा से उर्जा लेने में असमर्थ है चाहे कोई रोड एक्सीडेंट से मरे कैंसर से मरे, रोग से मरे या किसी अन्य बीमारी से मरे।
जब एक्सीडेंट होता है तब शरीर के बहुत सारे नस कट जाते हैं इसलिए वे उर्जा नहीं ले पाते ऐसे ही बीमारियों में भी होता है। उस समय आत्मा अत्यधिक दुःख का अनुभव करती है जो की बर्दास्त करने योग्य नहीं होता है , इसीलिए आत्मा शारीर छोड़ देती है .
और मृत्यु का एक और सिद्धांत भी है, कि जिसका जन्म हुआ है उसका मृत्यु निश्चित है. जिसको बनाया गया है उसका खराब होना निश्चित है चाहे वह मनुष्य हो, पशु हो,पक्षी हो या कोई वस्तु हो फ्रीज हो कूलर हो । हर एक के खराब होने का अपना अपना समय होता है, जैसे कोई बल्ब है तो वह 3 से 5 साल में खराब हो जाती है, फ्रीज है तो वह 20 से 30 साल में खराब हो जाती है, वैसे ही मनुष्य का शरीर है जो 70 से 100 सालों तक खराब हो जाती है।
वही आत्मा कभी खराब नहीं होती. क्यों खराब नहीं होती? क्योंकि आत्मा कभी बनती ही नहीं है इसलिए वह खराब भी नहीं होती।
,अब चलिए बढ़ते हैं अपने अंतिम टॉपिक पर और वह है
Q.6. कि मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है? Rajyoga Meditation Course
देखिए यहां पर दो ऑप्शन आते हैं ,पहला की आत्मा नया शरीर ले ले और दूसरा की आत्मा भटके।
जिसकी वृद्धा अवस्था में मृत्यु होती है उनको नया शरीर तुरंत मिल जाता है क्योंकि उनका गर्भ उनके संस्कारों के अनुसार पहले से ही तैयार हुआ रहता है।
वही जिनकी अकाले मृत्यु होती है उनकी आत्मा को तीन से चार महीनों तक भटकना होता है क्योंकि उनका गर्भ नहीं तैयार हुआ रहता है।
लेकिन इसके अलावे कई एक्सेप्शन केस भी होते हैं जिनमें आत्मा शरीर लेने से अच्छा भटकना पसंद करती है।
ऐसा ही एक एग्जांपल हमारे यहां हैं हमारे ब्रह्मा बाबा 1969 में शरीर छोड़ें और 2017 तक वह गुलजार दादी में प्रवेश होकर ज्ञान सुनाते रहे। और अभी तक इन्होंने शरीर धारण नहीं किया है यानी 53 वर्ष हो गए हैं इनकी आत्मा को बिना शरीर लिए।
ऐसी बहुत थोड़ी आत्मा होती है जिनका कोई लक्ष्य होता है या कोई अधूरा कार्य होता है जिसे पूरा किए बगैर यह शरीर लेना पसंद नहीं करते हैं तो कुछ ऐसी भी अनोखी आत्मा होती है जो लंबे समय तक शरीर धारण नहीं करती है।
तो मेरे भाइयों यह था Rajyoga Meditation Course Day 1- आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य . आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, ऐसी ही ज्ञान से संबंधित जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए फिर मिलते हैं अगले पोस्ट में तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, ओम शांति।