Bharat की Media का भविष्य


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम बात करेंगे समाज के एक महत्वपूर्ण विषय के ऊपर। आज मैं किसी और topic के ऊपर पोस्ट लिखने की सोच रहा था लेकिन न्यूज़ चैनल में दिखाए गए एक रिपोर्ट को देखकर मुझे अंदर से बोहोत खराब लगा और न्यूज़ चैनल नहीं देखना का फैसला करना पड़ा।

Bharat ki media ka bhawishya
Bharat ki media ka bhawishya
.
News Channel का पतन कैसे हो रहा है ?

गिने चुने 4-5 मुद्दों को बार-बार दिखाकर ये मीडिया वाले पता नहीं सभी के अंदर क्या भावना जगाना चाहते हैं,
राम मंदिर का मुद्दा , हिन्दू मुस्लिम करना , मोदी -मोदी करना , हिंदुस्तान पाकिस्तान करना , भारत माता की जय कहना , ऐसे खबरों को दिखाकर न्यूज़ चैनल पता नहीं देश को क्या संदेश देना चाहते हैं ?

भारत मे पानी की संकट , नौकरी नहीं मिलना , पढ़ाई के ऊपर ध्यान नहीं देना , सड़क दुर्घटना , टीचर की कमी ऐसे अन्य सामाजिक तकलीफों को ना दिखाकर सभी को हिन्दू और मुसलमान के नाम पर लड़ाने का काम कर रही है ।

इतनी आबादी बढ़ रही है , जिससे बीमारी बढ़ रही है, आय कम हो रही है , नौकरी कम हो रही है, अस्पताल में सीट नहीं मिल रहे हैं , लोग भूखे मर रहे हैं , कोई तो बच्चों को पैदा करके छोड़ देते हैं ये सब का हल ना निकाल कर हिन्दू और मुस्लिम कर रहे हैं , ये बोहोत ही सर्म की बात है।

आज मीडिया आम लोगों की तकलीफों को ना दिखाकर आपस मे लड़ाने का काम कर रही है, मुझे बोहोत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि 90 % न्यूज़ चैनल जो हम देख रहे हैं सभी मे कोई न्यूज़ ही नही है।
                                           न्यूज़ चैनल ही यदि आम लोगों के तकलीफों को नहीं दिखाएगी तो फिर आने वाली तकलीफों से हम कैसे लड़ेंगे और हमे इंसाफ कैसे मिलेगा ?


आने वाली 10 सालों में मीडिया का क्या हालत होगा ?

मुझे नहीं लगता है कि आने वाले 10 सालों में कोई सच्चा पत्रकार होगा जो प्रधानमंत्री से उनके कामों के बारे में डायरेक्ट पूछ सके , जो सच को दिखाए ना कि लोगों को लड़ाने का काम करे।

मीडिया का काम होता है सच को सामने लाना लेकिन यहां तो इसके विपरीत सभी न्यूज़ चैनल और पत्रकार काम कर रहे हैं। सिर्फ तारीफ से पूरे अखबार और न्यूज़ चैनल को भर दिया जाता है। मुद्दे की कोई बात नही रहती है। आप क्या खाते है ? कितना सोते है ? आप बोहोत अच्छा भाषण देते हैं।

अरे भाई कोई ये भी पूछे कि हर साल 40 लाख इंजीनियर बेरोजगार हो रहे हैं उनका क्या होगा ? यूरिया डाल -डाल कर जमीनों की पैदावार शक्ति कम हो गयी है उसका क्या होगा ? दिल्ली सबसे प्रदूषित सहर बन गयी है उसका क्या होगा ? 2 सालों में भारत दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन जायेगा उसका क्या होगा ? बलात्कार का case बढ़ रहे है उसका क्या होगा ? बजट में कभी इन सभी चीजों पर भी विचार करें हुज़ूर आप भी इसी देश के नागरिक हैं।

आने वाले 10 सालों में मीडिया सरकार का एक tool बनकर रह जायेगी जिसे जब चाहे जैसे चाहे राजनेतिक पार्टियां इस्तेमाल करेगी और लोगों को बेवकूफ बनायेगी।
जिस तरफ पैसे दिखाने पर नाचने वाली नाचती है वैसे ही ये मीडिया वाले नाचेंगे और अपनी कमर हिलाएंगे ।

मीडिया का सुधार कैसे होगा ?

मीडिया का सुधार तभी होगा जब उन्हें सरकार के ऊपर निर्भर ना रहना पड़े , उन्हें अपनी बात कहने पर किसी से डरना ना पड़े , वह पैसों से अमीर हो ताकि पैसों के लालच में ना आये और ऐसा तभी होगा जब लोग उसे फण्ड दें यानि लोगों को ही ऐसी मीडिया बनानी होगी जो सचे पत्रकार हैं उन्हें security और income दोनों देनी पड़ेगी तभी ऐसा हो पायेगा वरना नहीं हो पायेगा।

और एक दूसरा उपाय है social media , लोग  सोशल मीडिया में ऐसे रिपोर्टर को देखे जो सच्ची पत्रकारिता दिखाते हो और अन्य न्यूज़ चैनल और बकवास रिपोर्टर को ना देखें जो लोगों को आपस मे ही लडवा करके मरवा दें।

न्यूज़ चैनल और समाचार के द्वारा लोगों में क्या प्रभाव पड़ता है ?

सबसे गहरा प्रभाव यह पड़ता है कि लोग उसे सच मान लेते हैं। वह बोलेंगे कि ये आतंकवादी है तो लोग मान लेंगे बिना कोई सबूत के। वाह रे वाह , यह अपराधी है , इसने ऐसे -ऐसे गलत काम किये है उसके ऊपर 24 घंटे रिपोर्ट दिखाएंगे और लोग मान लेते हैं बिना कोई सबूत के।

Breaking News दिखाकर किसी को भी रेपिस्ट और किसी को भी गुंडा बना देते हैं और फिर जब वह खबर झूठ निकलती है तो माफी भी नहीं मांगते जिससे कि लोगों के मन से गलत जानकारी दूर हो सके।


ऐसे न्यूज़ से लोगों में काफी उत्तेजना पैदा हो जाती है लोग मारने पर भी आ जाते हैं , सड़क जाम , पथराव करना , ये सब करने में आ जाते हैं। और भारत मे इतने धर्मों , जातियों के लोग रहते हैं और यहां पर किसी को भड़काना और लड़ाना तो एकदम आसान हो जाती है।

किसी ने धर्म के बारे में ये अशब्द बात बोली , सबूत नही है फिर भी लोग उसके न्यूज़ को मानेंगे और उस व्यक्ति को मार डालेंगे ऐसा ही कुछ हुआ एक व्यक्ति को झूठ का बोल दिया कि इसने गाय काटी है और सभी लोगों ने बेचारे को मार दिया और बाद में पता चला कि वह बकरा था।

तो ऐसे देश मे किसी को भी लड़ाना आसान है इसीलिए आप इन न्यूज़ चैनलों के बातों में ना आये अपनी बुद्धि से सच और झूठ का फैसला करें बिना किसी सबूत के , बिना कोर्ट के रिपोर्ट के कोई भी ठोस कदम ना उठाये ।
Breaking news को पूरी तरह सच ना समझे।

न्यूज़ चैनल अब बिक चुकी है , ये सरकार की नाचने वाली रखेल बन चुकी है इसीलिए ये सरकार के ऊपर कोई बुराई नहीं करेगी सिर्फ विकाश-विकाश करेगी और सच क्या है वह तो लोग जानते ही हैं।


तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही , यदि आप एक अच्छा और सच्चा रिपोर्टर बनना चाहते हैं तो जरूर बने और ऐसे विचारों वाले लोगों को दिखा दें कि असली रिपोर्टिंग क्या होती है , हमें ऐसे रिपोर्टर की जरूरत है।
समय देकर इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद।

Share this


EmoticonEmoticon