नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज फिर से हम अध्यात्म के तरफ बढ़ते हैं। अध्यात्म मैंने इसलिए कहा क्योंकि इसमें भी एक राज़ है जिससे की हमें पता पड़ता है कि आत्मा इस शरीर में कहाँ रहती है।
शरीर में आत्मा को जानने के लिए हम अध्यात्म और विज्ञान दोनों के आधार पर आपको बताएँगे। हम आपको कुछ proof बताएँगे और कुछ fake news के बारे में भी बताएँगे। तो आप इस post को पढ़िए और कुछ नया आत्मा के बारे में जानिए।
sharir me aatma kaha rahti hai |
.
आध्यात्म का मतलब।
अधि = अंदर
आत्म = आत्मा के।
तो आध्यात्म का मतलब हो जाता है आत्मा के अंदर की जानकारी। हम आध्यात्म के बारे में आज नहीं बात करेंगे लेकिन इसे एक ढाल के रूप में प्रयोग जरूर करेंगे। क्योंकि यदि हम आध्यात्म का सहारा नहीं लेते हैं तो फिर आत्मा शरीर में कहा है इसको जानना मुश्किल हो जाता है।
शरीर में आत्मा कहाँ रहती है ? अध्यात्म के नजरिये से।
यदि आप किसी भी धर्म को मानाने वाले हो या धर्म को ना भी मानने वाले हो तो भी आध्यात्म बताता है कि हरेक मनुष्य के अंदर आत्मा होती है जो की शरीर को control करने वाली होती है उसे order देने वाली होती है।
आत्मा को सभी धर्म वाले मानते हैं चाहे वो हिन्दू हो ,मुस्लिम हो ,सिक्ख हो ,या क्रिस्चियन हो। भले ही वो अलग-अलग नाम से उसे बुलाते है :-
जैसे :- हिन्दू =आत्मा , मुस्लिम = रूह , क्रिस्चियन = soul
अब इससे तो साफ़ हो जाता है कि हरेक धर्म वाले आत्मा को मानते हैं लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आत्मा शरीर में कहाँ रहती है ? और कैसे वो शरीर को control करती है , और कैसे order देती है ?
तो इसका जवाब है कि शरीर में आत्मा दोनों भोरों के बिच में होती है। आँख के ऊपर जो दोनों भोरें हैं उनके बिच में आत्मा रहती है। जहां पर मताये बिंदी लगाती है और पुरुष तिलक लगाते हैं।
दरहसल ये बिंदी और तिलक पुराने लोग आत्मा के निसानी के लिए ही लगाते थे , जिससे की सभी एक दूसरे को आत्मा की दृष्टि से देखे और सभी में समानता की भावना पैदा हो। लेकिन समय के बीतते ये ज्ञान लुप्त हो गया और लोग सिर्फ style के लिए बिंदी और तिलक लगाने लगे।
Fake News :- कई लोगों की ऐसी भी मान्यता है कि आत्मा दिल में रहती है। परन्तु यह मान्यता झूठी साबित हो चुकी है। जब से विज्ञान ने प्रगति ली है आज हजारों दिल के मरीज अपना ह्रदय परिवर्तन (heart transplant) करते हैं और उनकी मौत नहीं होती है। इससे यह साबित हो जाता है कि आत्मा दिल में नहीं रहती है।
उदाहरण :- Hvovi Minocher Homji, Jeff Carpenter.
अब बात करते हैं कि धर्मों के लोग क्या मानते हैं ? वे भी आजतक अंधविश्वास में जी रहे थे कि आत्मा दिल में होती है चाहे वो हिन्दू हो ,मुस्लिम हो या और कोई धर्म के हो। ये अज्ञानता सभी में भरी है की आत्मा दिल में होती है ऐसा इसलिए भी क्योंकि उन्होंने अपना धर्म शास्त्र को समझना छोड़ दिया है। अपने धर्म शास्त्र को तो सभी पढ़ते है लेकिन उसमे लिखी गहराइयों को नहीं समझ पाते।
ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हूँ क्योंकि भगवतगीता में ही लिखा हुवा है कि आत्मा दिल में नहीं बल्कि दोनों भोरों के बिच में होती है लेकिन आज के पंडित लोग सिर्फ तोते की तरह शास्त्रों को रटना जानते हैं उसके क्या अर्थ हैं इससे उनका कोई वास्ता नहीं होता है इसीलिए ये ज्ञान लुप्त हो गया है।
भगवतगीता 8/10 श्लोक :-
प्रयाणकाले मनसाचलेन भक्त्या युक्तो योगबलेन चैव।
भ्रुवोर्मध्ये प्रणमावेश्य सम्यक स तम परं पुरुषमुपेति दिव्यम।।
इसका मतलब होता है कि जब भी कोई पुरुष (व्यक्ति) मरने की अंतिम स्थिति में हो तो वो भक्ति भाव से और योग बल से अपने दोनों भोरों के बिच में आत्मा को स्थापित हुवा देखकर प्राण त्यागता है तो वो पुरुष परमात्मा को प्राप्त करता है।
इससे तो ये बात साबित हो जाती है कि भगवान ने भी आत्मा के रहने का स्थान दोनों भोरों के बिच में ही बताया है। भले ही आज के पंडित -विद्वान इस बात को ना जानते हो।
- Aatma Kaisa Dikhta Hai
- Aatma Stri Hai Ya Purush Hai?
- Mrityu Ke Baad Aatma Kaha Jati Hai
- Mrityu Ke Baad Aatma Kis Yoni Me Janm Leti Hai
शरीर में आत्मा कहाँ रहती है ? विज्ञान के नजरिये से।
विज्ञान मानता है कि आत्मा जैसी चीज नहीं होती है। उनका मानना है कि शरीर ऊर्जा (energy ) से चलती है ना की आत्मा से। वह बुद्धि (brain ) को शरीर चलाने वाला मानती है। उनके अनुसार प्रकृति ने उन्हें बनाया है और जितने भी जीव-जंतु हैं वे प्रकृति की देन है। Bacteria से life की सुरुवात हुई और आज लाखों जिव-जंतु तक पहुँच चुकी है।
क्या आपको उनकी बात झूठ लगती है ? मुझे झूठ नहीं लगती। ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हूँ क्योंकि वो भी उन्ही शास्त्रों की बात कह रहे हैं तो हम सभी भूल गए हैं।
हम सभी को tv में आत्मा को शरीर के तरह ही दिखाया गया है इसीलिए हमारी सोच (mentality) उसी तरह ही बन गयी है। लेकिन यदि आपने अपने धर्म शास्त्रों को अच्छे से पढ़ा होगा तो वहाँ पर आत्मा को एक चैतन्य शक्ति के रूप में दिखाया गया है। यानि आत्मा एक जीवित ऊर्जा (living energy ) है ना की कोई शरीर है। इसीलिए आत्मा को निराकार कहा जाता है। यानि वो इन आँखों से नहीं दिखाई देता।
आत्मा की ही energy की वजह से शरीर में खून का बहाव होता है और जब आत्मा शरीर से निकल जाती है तो वो खून का बहना रूक जाता है और जीवन मृत्यु में बदल जाती है।
जब आप शरीर से या बुद्धि से कोई hard काम करते हैं तब आपकी energy कम हो जाती है। आपको कमजोरी जैसा महसूस होता है। तब आप आराम करते है और भोजन खाते हैं तो आपकी energy वापस आ जाती है।
तो यहां पर ध्यान देने वाली बात है कि आत्मा की energy मन और बुद्धि को चलाती है जैसा की विज्ञान कहते हैं कि बुद्धि शरीर को control करती है दरहसल वो आत्मा की energy होती है जो शरीर को control करती है और उसे order देती है। वहीँ खाने से जो energy मिलती है वो शरीर को चलाती है।
आत्मा की energy की कोई सिमा नहीं होती है। आत्मा की energy कम होने से लोग पागल भी हो सकते हैं और ज्यादा होने से महात्मा बुद्ध भी बन सकते हैं।
तो यहां भी विज्ञान से अनुसार ये बात साबित हो जाती है कि आत्मा होती है। भले ही उनको इसके बारे में पता ना हो। और वो दोनों भोरों के मध्य में होता है ये आध्यात्म के द्वारा पता चल जाता है।
Fake News :- कई लोग हमेशा कहते रहते हैं कि scientist ने एक मरते हुवे युवक को सीसे के box में बंद कर दिया था और पुरे तरह से cover कर दिया था। और जब वो मरता है तब सीसे में एक छोटी सी छेद हो जाती है।
लेकिन ये experiment लोगों के द्वारा फैलाया गया हवा है (झूठ है ) .
दरहसल आत्मा निराकार है और वो कहीं भी पहुंचवाला है। यदि बिच में दीवाल भी हो तो भी वो पहुंचा जा सकता है।
Experiment 1 :- अपने आत्मा की energy को बढ़ाने के लिए आप अपने दोनों भोरों के बिच में आत्मा को star की तरह चमकता हुवा देखने की practice करें। कुछ ही दिनों में आपको result दिखना शुरू हो जायेगा।
Experiment 2 :- आत्मा दोनों भोरों के बिच में है ये पता करने के लिए - देखें कि जब किसी व्यक्ति के शरीर में बल्दूख की गोली चलायी जाती है तो वह व्यक्ति के जीवित रहने के chances होते हैं वहीँ यदि उसे दोनों भोरों के बिच में चलाई जाये तो वो वहीँ मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। तो इससे ये बात साबित हो जाता है कि आत्मा दोनों भोरों के बिच में रहती है ना की शरीर में।
तो दोस्तों इस post से हमें ये पता चल जाता है कि शरीर में आत्मा कहाँ रहती है और कैसे वो शरीर को चलाती है। मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको ये जानकारी मदद करेगी और फायदा पहुंचाएगी।
- Bhagwan Sabhi Jagah Hai Ya Nahi
- Aatma Se Judi 5 Rahasyamayi Jankari
- Apne Pichle Janmo Ke Bare Me Jane
- Indriyon Ko Control Kaise Kare
आप इसे अन्य लोगों तक जरूर पहुंचाए। आप इसे अपने watsapp ग्रुप में , facebook में share करके और लोगों तक भी यह जानकारी पहुंचा सकते है।
अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद।
Bohot badhiya...
जवाब देंहटाएंGreat knowledge sir..
जवाब देंहटाएं