खेल-कूद में भाग लेने की सलाह देते हुए भाई को पत्र |
इस आर्टिकल सीखेंगे-
- भाई को खेल-कूद में भाग लेने की सलाह देते हुए पत्र लिखने के टिप्स
- खेल-कूद में भाग लेने की सलाह देते हुए भाई को पत्र लिखें/ लिखिए
- Letter to brother advising him to take part in games
भाई को खेल-कूद में भाग लेने की सलाह देते हुए पत्र लिखने के टिप्स
सलाह देने के लिए जो पत्र लिखा जाता है तो उस पत्र में हमे ऐसे तथ्यों को शामिल
करना चाहिए ताकि वह आपके सलाह को मानने के लिए विवश हो जाये और examiner आपको
full marks देने के लिए विवश हो जाये।
जैसे - हमें जब कभी पैसो की जरुरत पड़ती है तो तुरंत हम अपने पेरेंट्स के
पास जाते और पैसे मांगते है पर वो पैसों को देने के लिए तब तक तैयार नहीं होते
जब तक हम उन्हें अपने जरुरत का कारण न बता दे।
इस पत्र की शुरूआत भी आप उन्ही पत्रों की तरह करेंगे जैसे हर अनौपचारिक पत्रों
को लिखने से पहले शुरुआत की जाती है।
नोट:-
जब भी आप किसी भी पत्र या आवेदन पत्रों को लिखे तो उसे सुन्दर-सुन्दर अक्षरों
में लिखे ताकि देखने वाले को भी मनमोहक लगे।
इसे भी पढ़े-
खेल-कूद में भाग लेने की सलाह देते हुए भाई को पत्र-I
धनबाद
14 अक्टूबर 2021
प्रिय विनोद,
अभी कुछ दिनों पहले जब तुम्हारा मित्र राजू छुट्टी
लेकर घर आया था तो उसने मुझे तुम्हारे बारे में बताया। उसने कहा की तुम आजकल
इंटर और जेईई के परीक्षा की तैयारी में इतनी व्यस्त रहते हो की मित्रों के संग
कुछ समय बैठ बातचीत करने व खेल-कूद से तुम्हारा रिश्ता नाता ही टूट गया
है।
मैं तुम्हे यह बताना चाहता हूँ की यह अच्छी बात नहीं। कमरे की उमसभरी वातावरण
से बाहर निकल कर बाहरी वातावरण में खेलना-कूदना, मस्ती करना बहुत जरुरी है। यदि
तुम चाहते हो की अपने परीक्षा में प्रदर्शन अच्छा करो तो खेल-कूद तुम्हारे लिए
बहुत आवश्यक है।
खेल-कूद से हमारा मन एकाग्र होता है, हममें सवालों को हल करने की अंतरिम क्षमता
आती है, सामाजिक जुड़ाव आता है, जूझने की क्षमता विकसित होती है तथा सबसे
महत्वपूर्ण बात अवसाद (Depression) की समस्या मानो जड़ से ही ख़त्म हो जाती
है।
और इतना सबकुछ होती है केवल खेल-कूद की वजह से। तुम खेलना बंद कर स्वयं को कुछ
ज्यादा ही गंभीर बिमारियों का घर बना रहे हो। इसलिए मेरी सलाह को मानो और आज से
ही पढाई के साथ-साथ थोड़ा खेलना-कूदना भी शुरू करो। मुझे पूरी उम्मीद है की तुम
मेरे बातो पर अमल करोगे।
तुम्हारा शुभचिंतक भैया
शैलेश
आप इस पत्र का फोटो भी प्राप्त कर सकते है।
खेल-कूद में भाग लेने की सलाह देते हुए भाई को पत्र-I |
खेल-कूद में भाग लेने की सलाह देते हुए भाई को पत्र- II
गांधीनगर,
22 अगस्त 2021
प्रिय राकेश,
कुछ दिन पहले ही सोनू का पत्र मुझे मिला। उसने मुझे
बताया की आजकल तुम कुछ ज्यादा ही वीडियो गेम्स खेल रहे हो। दिन भर कमरे
में बंद रहकर वीडियो गेम्स खेलना, सभी क्लासेज में भी उपस्थित नहीं रहना कहाँ
तक उचित है।
जो कुछ भी अभी तुम कर रहे हो वह तुम्हारे कल को ख़राब कर रहा है। और तुम्हारे
जीवन को अंधकार की ओर धकेल रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है तुम पिताजी के मेहनत
व पसीने से कमाए हुए पैसो का इज्जत नहीं कर रहे हो।
ये वीडियो गेम्स जिसे तुम अपना सब कुछ मन बैठे हो यह हमारे अंदर हिंसा को बढ़ावा
देता है और इसी बढ़ावे में आकर लोग कई बड़ी-बड़ी गलतियां कर बैठते है। इसके अलावा
यह वीडियो गेम्स हमारे अंदर तनाव, उग्रपन, व गुस्सा जैसे ख़राब आदतों व बीमारयों
को पैदा करता है। क्या तुम इन्ही बिमारियों का शिकार होना चाहते हो ?
यदि नहीं तो इन वीडियो गेम्स के बदले बाहर खेलने वाले गेम्स जैसे- क्रिकेट,
फूटबाल, वॉलीबाल आदि को खेलो इससे तुम्हे इन बिमारियों से मिलेगी और कई सारे
बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके अलावा अपने पढाई पर भी ध्यान दो ताकि आगे चलकर
अपने पाव पर खड़ा हो सको।
मुझे उम्मीद है की तुम मेरे बातों को समझ रहे होंगे और जल्द ही मेरे सुझाये गए
बातो पर अमल करोगे।
तुम्हारा शुभचिंतक भैया
विवेक
आप इस पत्र का फोटो भी प्राप्त कर सकते है।
खेल-कूद में भाग लेने की सलाह देते हुए भाई को पत्र-II |
Letter to Brother Advising him to take parts in games - I
Dhanbad
14 October 2021
Dear Vinod,
Just a few days ago, when your friend Raju
came home after taking leave, he told me about you. He said that
nowadays you are so busy preparing for the Inter and JEE exams that your
relationship has been broken due to some time sitting with friends and
talking and playing.
I want to tell you that this is not a good thing. It is very important
to get out of the roomy atmosphere and play in the outdoor environment.
If you want to do well in your exams, then sports are very important for
you.
Through sports, our mind is concentrated, we get interim ability to
solve questions, social engagement comes, ability to struggle is
developed and most importantly, the problem of depression ends from the
root.
And all this happens only because of sports. You stop playing and are
making yourself home to more serious illnesses. So, listen to my advice
and start studying and jumping and playing from today itself. I
sincerely hope that you will follow my words.
Your well-wisher brother
Shailesh
You can get the photo of this letter.
Letter to Brother Advising him to take parts in games - II
Dear Rakesh,
I received Sonu's letter a few days ago.
He told me that these days you are playing too many video games. How
far is it appropriate to stay in the room all day playing video games,
not being present in all the classes?
Whatever you are doing right now is spoiling your tomorrow. And is
pushing your life towards darkness. The biggest thing is that you are
not respecting the money earned by our father's hard work.
This video game that you are sitting on your mind, it promotes
violence in us, and in this promotion people make many big mistakes.
Apart from this, this video game creates bad habits and illnesses in
us like stress, anger, and depression. Do you want to be a victim of
these diseases?
If not, instead of playing these video games, play outside games like
cricket, football, volleyball, etc., you will get these diseases out
from you and will see many changes. Apart from this, also pay
attention to your studies so that you can stand on your feet
later.
I hope that you will understand my words and will soon follow my
suggestions.
Your well-wisher brother
Vivek
You can get the photo of this letter.
इसे भी पढ़े-
आशा करता हूँ की आप अब आसानी से 'खेल-कूद में भाग लेने की सलाह देते हुए
भाई को आसानी से पत्र लिख सकते है। लेकिन यदि अभी भी आपको इस पत्र को लिखने
में कोई समस्या हो रही है तो बेझिझक आप उसे कमेंट बॉक्स में पूछे। और
हाँ, इस आर्टिकल को अपने दोस्तों को साथ शेयर करना न
भूले।
धन्यवाद!
EmoticonEmoticon