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Rajyoga Meditation Course Day 1 -आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य

Rajyoga Meditation Course Day 1 -आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य

 यह राज योग कोर्स का पहला पोस्ट है जिसमें हम जानेंगे कि आत्मा क्या है? जीवात्मा क्या होता है? आत्मा का रंग रूप क्या होता है? आत्मा दूसरे योनि में जन्म लेती है या नहीं? मृत्यु क्यों होती है? और मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है? तो चलिए :-Rajyoga Meditation Course Day 1 - आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य , को समझते है और जानते हैं कि आत्मा क्या होता है ?

इस पोस्ट में हम सभी जानकारी प्रूफ और प्रमाण के साथ देने वाले हैं इसीलिए आप इस पोस्ट को जरूर अंत तक पढ़े ।

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हमारा पहला टॉपिक है की आत्मा क्या है? Rajyoga Meditation Course

आत्मा एक चेतन्य सकती है । यहां पर चैतन्य का मतलब हो गया है जान या प्राण। और शक्ति का मतलब हो गया ऊर्जा। यानी आत्मा एक प्राणमय ऊर्जा है।

लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आत्मा एक ऊर्जा क्यों है?

इसका जवाब है कि उर्जा जो होता है जिसे अंग्रेजी में एनर्जी कहते हैं वह कभी खत्म नहीं होता है। energy not be created not be destroyed। यानी एनर्जी को ना हम बना सकते हैं और ना ही खत्म कर सकते हैं, एनर्जी को हम दूसरे फॉर्म में ट्रांसफर कर सकते हैं।

वैसे ही आत्मा को ना हम बना सकते हैं और ना ही उसे खत्म कर सकते हैं इसीलिए आत्मा को अजर अमर अविनाशी कहा गया है यानी जिसका कभी जन्म नहीं हुआ, जिसकी कभी मृत्यु ना हो ,और जिसका नाश ना किया जा सके।

जैसे ,टॉर्च में बैटरी एक ऊर्जा है, मोबाइल में बैटरी एक ऊर्जा है, वैसे ही शरीर में आत्मा एक ऊर्जा है लेकिन दोनों में अंतर यही है कि शरीर में जो ऊर्जा है उसमें प्राण है या आप यह भी कह सकते हैं कि आत्मा एक जीवित ऊर्जा है।

Q,२ अब चलिए जानते हैं कि जीवात्मा क्या है? Rajyoga Meditation Course

Rajyoga Meditation Course - आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य में सबसे आसान इसको समझना है . चलिए इसको जानते हैं :-

एक होता है जड़ आत्मा और एक होता है चैतन्य आत्मा। जब आत्मा शरीर में ना हो तो उसे कहते हैं जड़ आत्मा वही जब आत्मा शरीर में हो तो उसे कहते हैं चैतन्य आत्मा यानी जीवात्मा।

यानी शरीर और आत्मा के मेल को जीवआत्मा कहा जाता है। जीवात्मा जानी जीवित आत्मा, जो बोल सके चल सके कार्य कर सके ।

जीवात्मा को हम अंग्रेजी में living being भी कहते हैं। यानी जिसमें जान है वह जीवात्मा है।

वही जो जड़ आत्मा है उसमें जान नहीं होता है, हर एक जड़ आत्मा का जीवन धारण करने का अपना अपना समय होता है, जब किसी आत्मा का शरीर धारण करने का समय होता है तो वह परमधाम से नीचे उतरती है और गर्भ धारण कर लेती है और इस प्रकार जीवात्मा का जन्म हो जाता है।

अब चलिए जानते हैं अपने तीसरे टॉपिक के बारे में जो है:-

Q.3 .आत्मा का रंग और रूप क्या है? Rajyoga Meditation Course

आत्मा का रंग होता है सफेद, क्यों सफेद? क्योंकि आत्मा पवित्र है, आत्मा को पवित्रता पसंद है, और पवित्रता को हम सफेद रंग से दिखाते हैं।

वही आत्मा का रूप है ज्योति बिंदु

यानी प्रकाशित बिंदु के समान, जिसे हम सफेद बिंदु भी कह सकते हैं।

आत्मा बिंदु के समान क्यों है? 

क्योंकि आत्मा एक बीज है और बीज बहुत छोटा होता है। आत्मा इतना छोटा बिज है कि उसे हम अपने आंखों से नहीं देख सकते। जिस तरह हम atom को यानी परमाणु को अपने इन आंखों से नहीं देख सकते हैं वैसे ही हम आत्मा को इन आंखों से नहीं देख सकते।

Q.4 हमारा अगला टॉपिक है कि क्या मनुष्य आत्मा दूसरे योनि में जन्म लेती है या नहीं ?

हमने अभी जाना की आत्मा एक बीज है अब आप आम का बीज बोईये तो क्या उसमें जामुन फल मिलेगा? नहीं मिल सकता ।

जिस तरह आम का बीज बोने पर आम का ही वृक्ष होता है

वैसे ही मनुष्य का बीज है तो मनुष्य में ही जन्म मिलता है।

इसका प्रूफ यह है कि बहुत सारे लोग हुए हैं जिन्हें अपने पिछले जन्मों के बारे में पता चला है, और उन सभी ने अपने को पिछले जन्म में मनुष्य ही कहा है।

इससे यह साबित होता है कि मनुष्य की आत्मा है तो मनुष्य में ही जन्म लेगी।

 , अब हमारा जो अगला टॉपिक है वह बहुत ही मजेदार है, 

Q.5 वह यह है कि मृत्यु क्यों होती है? Rajyoga Meditation Course

जब आत्मा की उर्जा कभी खत्म नहीं होती है तो मृत्यु भी नहीं होनी चाहिए,

लेकिन ऐसा नहीं होता है, क्यों ऐसा नहीं होता है ? क्योंकि शरीर का जन्म होता है और शरीर के अंदर मशीन होते हैं . जैसे हर्ट,किडनी ,लीवर इत्यादि यह शरीर के मशीन है।

तो समय बीतने पर यह मशीन खराब हो जाते हैं और आत्मा से उर्जा नहीं ले पाते हैं।

जिस तरह समय बीतने पर मोटर खराब हो जाता है और ड्राइवर लाख कोशिश करे उसे नहीं चला पाता उसी तरह वृद्ध होने पर जब शरीर के मशीन खराब हो जाते हैं तब आत्मा शरीर को नहीं चला पाती इसलिए आत्मा शरीर से निकल जाती है और फिर शरीर को मृत घोषित कर दिया जाता है।

लेकिन अब प्रश्न यह आता है कि आकाले मृत्यु में क्या होता है? जब लोग वृद्ध होने से पहले ही शरीर छोड़ देते हैं? उस समय तो उनके शरीर का मशीन नहीं खराब हुआ रहता है?

देखिए, सभी मृत्यु के केस में एक ही reason है कि शरीर का कोई महत्वपूर्ण मशीन आत्मा से उर्जा लेने में असमर्थ है चाहे कोई रोड एक्सीडेंट से मरे कैंसर से मरे, रोग से मरे या किसी अन्य बीमारी से मरे।

जब एक्सीडेंट होता है तब शरीर के बहुत सारे नस कट जाते हैं इसलिए वे उर्जा नहीं ले पाते ऐसे ही बीमारियों में भी होता है। उस समय आत्मा अत्यधिक दुःख का अनुभव करती है जो की बर्दास्त करने योग्य नहीं होता है , इसीलिए आत्मा शारीर छोड़ देती है .

और मृत्यु का एक और सिद्धांत भी है, कि जिसका जन्म हुआ है उसका मृत्यु निश्चित है.  जिसको बनाया गया है उसका खराब होना निश्चित है चाहे वह मनुष्य हो, पशु हो,पक्षी हो या कोई वस्तु हो फ्रीज हो कूलर हो । हर एक के खराब होने का अपना अपना समय होता है, जैसे कोई बल्ब है तो वह 3 से 5 साल में खराब हो जाती है, फ्रीज है तो वह 20 से 30 साल में खराब हो जाती है, वैसे ही मनुष्य का शरीर है जो 70 से 100 सालों तक खराब हो जाती है।

वही आत्मा कभी खराब नहीं होती.  क्यों खराब नहीं होती? क्योंकि आत्मा कभी बनती ही नहीं है इसलिए वह खराब भी नहीं होती।

,अब चलिए बढ़ते हैं अपने अंतिम टॉपिक पर और वह है

Q.6. कि मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है? Rajyoga Meditation Course

देखिए यहां पर दो ऑप्शन आते हैं ,पहला की आत्मा नया शरीर ले ले और दूसरा की आत्मा भटके।

जिसकी वृद्धा अवस्था में मृत्यु होती है उनको नया शरीर तुरंत मिल जाता है क्योंकि उनका गर्भ उनके संस्कारों के अनुसार पहले से ही तैयार हुआ रहता है।

वही जिनकी अकाले मृत्यु होती है उनकी आत्मा को तीन से चार महीनों तक भटकना होता है क्योंकि उनका गर्भ नहीं तैयार हुआ रहता है।

लेकिन इसके अलावे कई एक्सेप्शन केस भी होते हैं जिनमें आत्मा शरीर लेने से अच्छा भटकना पसंद करती है।

ऐसा ही एक एग्जांपल हमारे यहां हैं हमारे ब्रह्मा बाबा 1969 में शरीर छोड़ें और 2017 तक वह गुलजार दादी में प्रवेश होकर ज्ञान सुनाते रहे। और अभी तक इन्होंने शरीर धारण नहीं किया है यानी 53 वर्ष हो गए हैं इनकी आत्मा को बिना शरीर लिए।

ऐसी बहुत थोड़ी आत्मा होती है जिनका कोई लक्ष्य होता है या कोई अधूरा कार्य होता है जिसे पूरा किए बगैर यह शरीर लेना पसंद नहीं करते हैं तो कुछ ऐसी भी अनोखी आत्मा होती है जो लंबे समय तक शरीर धारण नहीं करती है।

तो मेरे भाइयों यह था  Rajyoga Meditation Course Day 1- आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य . आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, ऐसी ही ज्ञान से संबंधित जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए फिर मिलते हैं अगले पोस्ट में तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, ओम शांति।

 

ब्रह्मा बाबा के 5 महत्वपूर्ण गुण

ब्रह्मा बाबा के 5 महत्वपूर्ण गुण

  

 ओम शांति

 आज मैं आप लोगों को ब्रह्मा बाबा से रूबरू कराने वाला हूं। आज मैं आपलोगों को ब्रह्मा बाबा के 5 महत्वपूर्ण गुण के बारे में बताने वाला हूँ . जो ब्रह्मा बाबा को जानते हैं वह भी और जो ब्रह्मा बाबा को नहीं जानते हैं वह भी इस पोस्ट को जरूर अंत तक पढ़े क्योंकि इस पोस्ट को पढने के बाद आपका जीवन बदलने वाला है।

आप जीवन के किसी भी पड़ाव में हो आप किसी भी क्षेत्र से हो यदि आप ब्रह्मा बाबा के इन पांच गुणों को अपने जीवन में धारण करते हैं तो आपका जीवन सफल होना निश्चित है। सफलता आपका जन्मसिद्ध अधिकार हो जाता है।

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ब्रह्मा बाबा का पहला गुण है-  (पंक्चुअलिटी) यानी समय का पालन करना

 ब्रह्मा बाबा समय के बहुत पाबंद थे। वह इतने समय के पाबंद थे कि उन्होंने 1936 से 1969 तक 33 वर्ष एक भी क्लास मिस नहीं की। सभी मुरली क्लास रोज और समय पर चलाते थे। यहां तक कि जिस दिन उनका शरीर छूटने वाला था ,उस दिन भी शाम में मुरली क्लास चलाने के बाद ही शरीर छोड़े,  ऐसे रेगुलर और पंक्चुअल थे ब्रह्मा बाबा।

 उनका कहना था-  कि सबसे बड़ा खजाना होता है समय का खजाना ( रुपया पैसा धन दौलत नहीं)  समय।

 समय तुमको परिवर्तन ना करें, तुम समय को परिवर्तन कर दो। यदि तुम समय पर कार्य नहीं करोगे तो समय तुमको परिवर्तन कर देगी ,अमीर से गरीब हो जाओगे और यदि तुम समय पर कार्य करोगे तो तुम समय को परिवर्तन कर दोगे। गरीब से अमीर हो जाओगे ।सफलता मिलनी ही मिलनी है। इसीलिए हर एक कार्य में रेगुलर और पंक्चुअल जरूरी है।

 ब्रह्मा बाबा का दूसरा गुण है:-  सहनशीलता यानी सहन करना

 कोई ब्रह्मा बाबा को गाली देते थे, ब्रह्मा बाबा सहन कर लेते थे। उनको धन्यवाद कह देते थे। पेपर में ब्रह्मा बाबा की ग्लानि होती थी ब्रह्मा बाबा सहन कर लेते थे। सिंध के आश्रम को जला दिया  गया ब्रह्मा बाबा सहन कर  लिए।

 उनका कहना था- निंदा तुम्हारी जो करें मित्र तुम्हारा सो होय। जो आपकी निंदा करता है ग्लानि करता है तो वह आपका मित्र है क्योंकि  कारणे-अकारने वही आपको आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है।

 इसको एक उदाहरण से समझते हैं-  आप किसी कार्य को करने में लगे हैं और कोई आपसे कह रहा है कि तुमसे नहीं हो पाएगा तुम मत करो। तो ऐसा कह कर वह क्या कर रहा है? वह आपके अंदर की दृढ़ता शक्ति को बढ़ा रहा है। फिर आप कहते हैं हम तो करके ही रहेंगे देखते हैं हमको कौन रोकता है।

 तो ऐसे ही थे ब्रह्मा  बाबा ,  दृढ़ निश्चय बुद्धि जब पेपर में बाबा की ग्लानि हुई तो बिल्कुल ही शांत हो गए। पेपर द्वारा लोग आश्रम में आने लगे और फिर उन्हें भी ईश्वरीय ज्ञान पाने का सौभाग्य मिला। जो ग्लानि कर रहे थे वही फिर बाबा के बच्चे बन गए। तो ऐसे ही थे ब्रह्मा बाबा, बड़े से बड़े शत्रु को दोस्त बना लेते थे।

ब्रह्मा बाबा का तीसरा  गुण है :- ज्ञान

 जब से ब्रह्मा बाबा के द्वारा मुरलिया चलना शुरू हुआ तब से लोग आश्रमों में स्वयं ही खींचे चले आने लगे।

 मुरली तेरी में जादू-  ऐसा ज्ञान ना आज तक कोई सुना था और ना ही कोई सुना पाएगा ।ऐसा ज्ञान जो दुनिया को बदल कर रख देगी , ऐसा ज्ञान सुनते ही लोग भागे भागे चले आने लगे।

 अलफ को अल्लाह मिला , बे को मिली बादशाही ,आई तार अल्लाह की हुआ रेल कराई। आई तार अल्लाह की यानी जब उनको अल्लाह का, परमात्मा का बुलावा आया । जब उनको पता चला कि मैं परमात्मा का रथ हूं तब उन्होंने अपने को टोटल सरेंडर कर दिया, पूर्ण समर्पण। वह पहले आत्मा बने जो परमात्मा के ऊपर पूर्ण समर्पण होते हैं। तो फिर परमात्मा भी उन पर समर्पण हो जाते हैं और फिर ज्ञान मार्ग की शुरुआत हो जाती है।

 उनका ज्ञान धारणाओं का ज्ञान था। ऐसा नहीं कि रट्टू तोता जैसे  रट लिए, नहीं. उस ज्ञान को उन्होंने अपने जीवन में उतारा। ऐसे  धारणा मूर्त बने कि कोई भी उन्हें देखते थे तो उनको दिव्य रूप दिखाई देता था। वह कहते थे-  कि आज सारी दुनिया अज्ञान अंधेरे में है और यह ज्ञान अंधों की लाठी है यानी यह ज्ञान सभी का सहारा है। जो यह ज्ञान लेता है उसको फिर किसी भी सहारे की जरूरत नहीं पड़ती है।

 वह ज्ञान हमेशा लेते रहते थे वह रोज मुरली चलाते थे और उनका विचार करते रहते थे।

 ऐसे ही जीवन में हमेशा ज्ञान लेते रहना चाहिए कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए जो ज्ञान लेना बंद कर देता है तो वह जैसे जिंदा मृत के समान बन जाता है।

ब्रह्मा बाबा का चौथा गुण है :- प्यार -स्नेह

 प्यार के मूर्ति थे। कोई उनसे 2 मिनट भी मिलता था तो कहता था कि ब्रह्मा बाबा ने हमें जितना प्यार दिया उतना प्यार किसी ने नहीं दिया। जिस तरह मां अपने बच्चों को पालना देती है उसे सीने से लगा के रखती है वैसी ही पालना ब्रह्मा बाबा सभी बच्चों को देते थे। 

 बाबा  मुर्गियों में कहते थे कि यह ब्रह्मा तुम्हारी मां भी है तो दादा भी है। उन्होंने कभी भी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की सभी को बच्चे बच्चे कहकर पुकारते थे।

 उनका सभी से आत्मिक  प्रेम था वह कॉपी में लिखते थे कि रमेश भाई आत्मा जगदीश भाई आत्मा ।इस तरह वह सभी को आत्मा समझने का अभ्यास करते थे।  आत्मिक प्यार अंदर का प्यार होता है  ,यह ऐसा प्यार होता है जिसे कोई दूर से भी महसूस कर सकता है और ऐसा ही प्यार ब्रह्मा बाबा अपने सभी बच्चों से करते थे।

ब्रह्मा बाबा का  पांचवा और अंतिम गुण है :- सेवा

वह कहते थे की- सेवा में भी देखो तो मनसा सेवा सर्वश्रेष्ठ सेवा है। ऐसे तो वे सभी तरह के सेवा करते थे लेकिन ज्यादातर वे मनसा सेवा में समय बिताते थे।  वह टहलते -टहलते   मन से सेवा करते रहते थे। अपने हाथों को पीछे करके  टहलते रहते थे चक्कर लगाते रहते थे।

 ब्रह्मा ने अपने संकल्पों से सृष्टि रची? कैसे? तो इसका यही राज है मनसा सेवा।

 यज्ञ प्रमुख होते हुए भी वह हर छोटा मोटा काम करते थे। उनका कहना था कि बच्चे यह  है कर्म योग,  हर छोटे-मोटे कार्य करते हुए परमात्मा को याद किया जा सकता है। उसके लिए अलग से आसन लगाकर बैठने की जरूरत नहीं है।

 वह तीनों ही सेवा में अव्वल थे-

 चाहे मनसा सेवा हो वाचा सेवा हो किसी को ज्ञान सुनाना हो,  करमना सेवा हो -यज्ञ का कोई भी कार्य करना हो। वह सभी में अव्वल थे।

 जब से उन्हें पता चला कि परमात्मा मेरे द्वारा कार्य करा रहा है,  तब से उन्होंने अपना तन मन धन तीनों ही समर्पण कर दिया। जानकारी के लिए बता दूं कि वह हीरो के बहुत बड़े व्यापारी थे यज्ञ में आते ही उन्होंने अपना सारा कमाया हुआ धन यज्ञ की सेवा में लगा दी।

 सिर्फ यही नहीं मरने के बाद भी, शरीर छोड़ने के बाद भी अपनी सर्विस को नहीं भूले। गुलजार दादी में प्रवेश होकर बच्चों को ज्ञान सुनाने लगे। वह करके दिखा दिए जो आज तक किसी ने नहीं किया। मर भी जाए लेकिन जो सोच लिया है वह कर के छोडेंगे। मरने के बाद 50 सालों तक वह गुलजार दादी में प्रवेश होकर ज्ञान सुनाते रहे जिसे हम अव्यक्त वाणी कहते हैं। ऐसा ज्ञान सुनाने लगे कि देश-विदेश सभी जगहों से लोग आने लगे। और आज हर देश में ,हर शहर में ,हर एक गांव में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम खुल चुका है। वह कहते थे कि आत्मा कभी मरती नहीं है और यह बात उन्होंने सच साबित करके दिखा दिया है।

 ऐसी आत्मा की तुलना हम किसी से नहीं कर सकते सिर्फ उनसे सीख ले सकते हैं। आप ब्रह्मा बाबा के इन गुणों को अपने जीवन में अवश्य धारण करें आपको सफलता   मिलनी ही मिलनी है। निश्चय बुद्धि विजयंती- यदि आपको अपने कार्य के ऊपर निश्चय है तो विजय होना ही है। और बस आज के लिए इतना ही

 तो दोस्तों यह थी ब्रह्मा बाबा के 5 महत्वपूर्ण गुण . यह पोस्ट आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताये , ब्रह्मा बाबा के ये गुण आपको कैसे लगें यह भी जरूर बताये , और इस पोस्ट को अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करें ताकि और लोग ब्रह्मा बाबा के बारे में जान पाए . 

धन्यवाद .

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नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम हिंदी में निबंध लेखन सीखेंगे। निबंध कैसे लिखते हैं  निबंध  लिखने का क्या तरीका होता है। और निबंध के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जानेंगे।

यदि आप हिंदी में निबंध लिखना चाहते है , तो इस पोस्ट को पढने के बाद आप आसानी से कोई भी निबंध लिख पाएंगे । आपको सिर्फ कुछ ही चीजों का ध्यान रखना है। वह क्या है उसके लिए इस post को जरूर अंत तक पढ़े।

आज हम जानेंगे :-

  1. निबंध क्या है ?
  2. निबंध की परिभाषा क्या होती है ?
  3. निबन्ध का महत्त्व 
  4. निबन्ध के अंग 
  5. निबन्ध के कितने प्रकार होते हैं ?
  6. 'सुसंगठित' (सुन्दर और संगठित  ) निबन्ध कैसे लिखे?
  7. निबन्ध-लेखन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
  8.  निबन्ध कैसे लिखें?
  9. निबंध लेखन :-  सरल हिंदी भाषा में 
  10. निबंध लेखन का उदाहरण 
राशन कार्ड क्या होता है और Ration card कैसे apply करें? |

राशन कार्ड क्या होता है और Ration card कैसे apply करें? |

नमस्कार दोस्तों अनेक रूप में आपका स्वागत है। तो आज हम जानने वाले है कि राशन कार्ड के बारे में की राशन कार्ड क्या होता है ? (What is ration card in Hindi ?), राशन कार्ड कितने प्रकार के होते है ?,  नीला, गुलाबी, पीला, सफेद, लाल राशन कार्ड क्या होता है ?

और एक प्रश्न जो सभी के मनो में रहता है की PHH और AAY राशन कार्ड क्या होता है?(AAY और PHH ration card) और इन सभी राशन कार्ड धारकों को कितने अनाज मिलते है? तो आज मैं आपके इन्ही प्रश्नों का जवाब दूंगा और यह भी बताऊंगा की राशन कार्ड के लिए apply कैसे किया जाता है ?

ration card kya hota hai aur ration card ke liye kaise apply kaise karen?
राशन कार्ड 


इस आर्टिकल में आप जानेंगे -


Ration card क्या होता है ? (What is ration card in hindi)


राज्य सरकार के द्वारा जारी की जाने वाली अन्य दस्तावेजों में ration card एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जिसके द्वारा राज्य के आर्थिक स्थिति से निम्न वर्ग के लोगो को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के द्वारा सस्ते दामों पर उपयुक्त अनाज उपलब्ध कराया जाता है। और यह ration card एक पहचान पत्र की तरह काम करती है। 

आपने यह तो जान लिया किया कि ration card क्या है ?, लेकिन यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है की ration card कितने प्रकार के होते है ? तो चलिए अब जानते है । 

Ration card कितने प्रकार के होते हैं ?


राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली (NFSA - 2013) के तहत मुख्य तौर पर राशन कार्ड दो प्रकार के है इन्ही ration card धारकों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public distribution system- PDS) के द्वारा सस्ते दामों में अनाज उपलब्ध कराया जाता है। और वो दोनों राशन कार्ड के प्रकार निम्न है- 

1. PHH ration card (PHH ration card क्या होता है ?)


PHH (Priority household) राशन कार्ड जिसे हिंदी में पात्र गृहस्थी ration card भी कहा जाता है। यह राशन कार्ड लाल और गुलाबी रंग का होता है। यह राशन कार्ड उन लोगों को दिया जाता है जिनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी अच्छी है। विभिन्न राज्यों में इस ration card के वितरण के भिन्न-भिन्न criteria है। 

पीएचएच राशन कार्ड धारकों को हर महीने 5 kg अनाज प्रति व्यक्ति दिया जाता है। जिसमे चावल का मूल्य 3 रु प्रति kg, गेहू का मूल्य 2 रु प्रति kg तथा 1 रु प्रति kg मोटे अनाज का वितरण किया जाता है। 

नोट- PHH ration card को Non-priority ration card यानि की गैर प्राथमिकता भी कहा जाता है। 

क से ज्ञ तक की बारहखड़ी को जानने के लिए इसे पढे । 

2. AAY ration card (AAY ration card क्या होता है ?)


AAY (Antyoday ann yojna) राशन कार्ड। अंत्योदय अन्न योजना ration card मुख्यतः पीले रंग का होता है। यह राशन कार्ड राज्य के उन्ही लोगों को दिया जाता है जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है। यानि की जिन लोगों के पास आय का कोई जरिया नहीं है।  (जैसे- बुजुर्ग आदि) हलकी राज्य सरकार द्वारा एएवाय ration card के वितरण के लिए कुछ और भी criteria है। जो अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग है। 

 AAY ration कार्ड धारकों को हर महीने 35 kg अनाज हर परिवारों को दिया जाता है। 

नोट- AAY ration card को priority ration card यानि प्राथमिक का दर्जा दिया जाता है। 

NFSA के लागू होने से पहले TPDS (लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली- Targeted Public Distribution System) के तहत अनाज का वितरण किया जाता था। तब ration card मुख्यतः तीन प्रकार के थे जो इस प्रकार है -

1.  BPL (BPL ration card क्या है ?)


BPL (Below Poverty Line) यानि की गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को यह राशन कार्ड प्रदान किया जाता है। इस ration card का रंग लाल और गुलाबी होता है । राज्य सरकार द्वारा निर्धारित कीये पैमाने के आधार पर ही गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों का पहचान किया जाता है । 

BPL ration card धारकों को 25-35 kg अनाज दिया जाता है।

2. APL (APL ration card क्या होता है ?)


APL (Above Poverty Line) यानि की गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को यह राशन कार्ड दिया जाता है। इस ration card का रंग नीला होता है। यह राशन कार्ड भी राज्य द्वारा निर्धारित किए गए पैमाने के आधार पर ही गरीबी रेखा से ऊपर वाले लोगों को पहचाना जाता है और उन्हे यह राशन कार्ड प्रदान किया जाता है। 

APL ration card धारकों को 10-15 kg अनाज दिया जाता है। 

3. AY (AY ration card kya है ?)


AY यानि की अन्नपूर्णा योजना। यह AY ration card उन गरीब बुजुर्गों को दिया जाता है जिनकी उम्र 65 वर्ष से ज्यादा हो चुकी है। 

AY ration card धारकों को 10 kg अनाज प्रति महीने PDS द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। 

NOTE:- ज्यादातर राज्यों में NFSA (National Food Security Act) लागू हो चुकी है और जिन राज्यों में यह प्रक्रिया में है वहाँ TPDS (Targeted Public Distribution System) के द्वारा ही लोगों को अनाज उपलब्ध कराया जाता है। 

ऊपर दिए गए राशन कार्ड की सूची के अलावा कुछ और राशन कार्ड जैसे सफेद राशन कार्ड भी होते है तो चलिए इसके बारे में भी जान लेते है । 

सफ़ेद ration card क्या होता है ? (what is white ration card in hindi ?)


सफ़ेद ration card उन्ही लोगों को दिया जाता है जो गरीबी रेखा से ऊपर (APL) है। और जिनकी वार्षिक आय 1 लाख से ऊपर है। तथा जिनके परिवार में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन है और 4 हेक्टेर या उससे अधिक सिंचित भूमि भी है। यह safed ration card एक प्रूफ के तरह होता है की आप भारत के नागरिक हो। 

राशन कार्ड के उपयोग क्या-क्या है ? 


राशन कार्ड के प्रकार को तो हमने जान लिया तो चलिए अब यह जानते है की राशन कार्ड के उपयोग क्या है ? और यदि हमारे पास ration card है तो उसका उपयोग हम कहाँ-कहाँ कर सकते हैं चलिए उसे भी जान लेते है -
  • राशन कार्ड एक प्रूफ होता है की हम भारतीय है। 
  • यदि आप voter id कार्ड बनवाने जा रहे है तो वहाँ ration card की जरूरत पड़ सकती है। 
  • LPG कनेक्शन प्राप्त करने के लिए ration कार्ड की जरूरत पड़ती है। 
  • PAN Card के validation के लिए ration card का भी उपयोग किया जा सकता है। 
  • राशन कार्ड को अपनी पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र के रूप में उपयोग कर SIM 
    Card, Telephone connection आदि लेने के लिए किया जा सकता है। 
 ऊपर दिए गए उपयोगों के अलावा राशन कार्ड के और भी कई सारे उपयोग है। जो हमारे लिए लिए बहुत जरूरी है। 

Ration card कैसे बनाए ? (How to apply for ration card in hindi ?) 


राशन कार्ड बनाने के लिए हमे कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। जो हमारे पास होना बहुत जरूरी है। तो चलिए जानते है-

राशन कार्ड बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेज 


जैसा की आप सभी को पता है की राशन कार्ड को परिवार के मुखिया के नाम के आधार पर ही बनाया जाता है। जिसमे परिवार के सभी सदस्यों के नाम सम्मिलित होते है। तो चलिए अब जानते है की राशन कार्ड को बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के बारे में-
  • परिवार के महिला मुखिया की 2 पासपोर्ट साइज़ फोटो 
  • सभी सदस्यों के आधार कार्ड की फोटो कॉपी 
  • वोटर-आयडी का फोटो कॉपी 
  • परिवार के मुखिया की बैंक passbook का फोटो कॉपी 
  • आय प्रमाणपत्र
नोट- कुछ-कुछ राज्यों में महिला मुखिया के फोटो के अलावा परिवार के सभी सदस्यों की भी फोटो की भी आवश्यकता होती है। 

यदि आपने ऊपर दिए गए सभी दस्तावेजों को एकत्रित कर लिया है तो अब आप ration card के लिए apply कर सकते है। ration card के लिए apply करने के लिए दो तरीके है- एक ऑफलाइन और दूसरा अनलाइन। 

जैसा की मैंने आपको शुरुआत में ही बताया की राशन कार्ड अब मुख्यतः दो प्रकार के है- AAY ration card और PHH ration card । AAY ration card वो ही अप्लाइ कर सकते है जिनके पास कोई रोजगार नहीं है और जिनकी वार्षिक आय लगभग 20 हजार है । और PHH ration card वो ही अप्लाइ कर सकते है जिनकी वार्षिक आय 20 हजार से अधिक और 1 लाख रु से कम है। 

नोट- हर राज्यों में इन दोनों ration कार्ड को अप्लाइ करने के criteria अलग-अलग है । 

Ration card को offline कैसे apply करे? (How to apply ration card offline ?)


Offline ration card apply करने के लिए नीचे दिए इन स्टेप्स को फॉलो करे- 
  • Ration card को offline apply करने के लिए आपको एक form fill up करना होगा । और यह form आपको आपके ब्लॉक (प्रखण्ड) में मिल जाएगा। और यदि आप चाहते है कि online इस form को प्राप्त करना तो आपको अपने राज्य के official राशन वितरण वाले website पर जाना होगा। जहाँ से आप यह form अनलाइन प्राप्त कर सकते है। 
  • Form को प्राप्त कर लेने के बाद उसमे पूछे गए information को fill up कर दे। 
  • Form को fill up करने के बाद उसकी बारीकी से एक बार जांच कर ले ताकि गलती होने की कोई गुंजाइश न हो। क्योंकि एक बार कुछ गलत information fill up हो जाने के बाद उसे सुधारना एक अलग सर-दर्द बन जाता है। 
  • अब आप उस form को अपने ration card dealer (कोटेदार) को या food inspector को जमा कर दे। 
यह प्रक्रिया को कर लेने के बाद आप इंतजार करे अपने ration card के बन जाने की। क्योंकि ration card को बनने में अब ज्यादा समय नहीं लगता है। 

Ration card को online कैसे apply करे? (How to apply ration card online ?)


यदि आप चाहते है घर बैठे अपने ration card को बनाना तो आप ration card को online ही apply कर सकते है। Online ration card apply करना थोड़ा आसान हो जाता है क्योंकि इसके लिए आपको physically कही भाग-दौड़ करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है तो चलिए अब जानते है की online ration card kaise apply karen ?

Online ration card apply करने के लिए दिए गए इन स्टेप्स को फॉलो करे -
  • सबसे पहले आप अपने राज्य के official राशन वितरण वाले website पर जाए। 
  • वेबसाईट पर जाने के बाद सबसे पहले आप उसमे यह देखे की apply for a ration card का option कहाँ है 
  • जब आपको यह मील जाए तो आप उस पर क्लिक करे और और वहाँ जाने के बाद अपने जिले को select करे 
  • जिले को सिलेक्ट करने के बाद आप एक फॉर्म पर land कर जायेंगे जहाँ आपको अपने information जैसे- आधार कार्ड, passport size photo, block (प्रखंड), परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी आदि को fill करना है। 
  • यह सभी कुछ करने के बाद आपको अपने ration card को प्रिन्ट कर लेना है। 
  • और उसका एक फोटो कॉपी निकाल कर रख लेना है । 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)


Q: Offline ration card apply करने के बाद कितने दिनों में बनता है ? 

उत्तर: यदि आपने ration card को offline apply किया है तो आपका ration card लगभग 15-30 में बन कर आपके पास पँहुच जाएगा। 

Q: Ration card online apply करने के बाद कितने दिनों में बनता है ?

उत्तर: यदि ration card को online apply किया जाता है तब भी राशन कार्ड बनने में 10-15 दिनों का समय लग ही जाता है। क्योंकि कुछ लंबी प्रक्रियाएं होती है जिनमे इतना व्यक्त लग जाता है। 

Q: हमे ration card online apply करना चाहिए या offline?

उत्तर: यह तो totally आपके ऊपर depend करता है की आप राशन कार्ड कैसे अप्लाइ करना चाहते है यदि आप चाहते है घर बैठे अप्लाइ करना तो बेशक आप online ही apply करे क्योंकि इसमे आपको कोई भाग-दौड़ करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। 


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मुझे पूरी उम्मीद है की आपको यह अच्छी तरह से समझ आ गया होगा की Ration card क्या होता है ? और Ration card को online या offline कैसे apply किया जाता है ? यदि आपको अभी भी कोई प्रश्न है कमेन्ट बोक्स में बेझिझक अपने प्रश्न को पूछे और हां आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ share जरूर करे।  
धन्यवाद !
ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक कैसे Add करें

ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक कैसे Add करें

  

नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक कैसे add करते हैं ? जब हम ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में कोई लिंक add करते हैं तो वह plane text की तरह show होता है। वह वैसा ही show होता है जैसा की बाकि words show होते हैं। ऐसे में users को काफी परेशानी होती है , वह अपने लिंक को  नहीं डाल  पाते यहां तक कि ब्लॉग owner भी लिंक add नहीं कर पाते। 

तो आज का ये पोस्ट इसी के ऊपर है कि कैसे हम ब्लॉगर comment box में लिंक add करते हैं :- यदि आपको भी जाननी है तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है आप इसे अंत तक जरूर पढ़े। 



ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक क्यों नहीं Show होते हैं ?

ब्लॉगर में लिंक Add करने से पहले आप यह समझ ले कि ब्लॉगर ने अपने कमेंट system में लिंक को क्यों disable करके रखा है , जिससे कि आपको ब्लॉगर कमेंट बॉक्स को समझने में आसानी होगी। 

ब्लॉगर ने अपने कमेंट बॉक्स में लिंक को क्यों disable रखा है इसके कई कारन हो सकते हैं , जैसे :-

ब्लॉगर एक free service है :- अन्य प्लेटफार्म जहां blogging के लिए पैसे देने होते हैं वहीँ ब्लॉगर एक free platform है। इसीलिए इसमें आपको सभी features provide नहीं किये जाते हैं। 

ब्लॉगर comment बॉक्स हल्का है :- हल्का का मतलब , low script है , इसमें ज्यादा features add नहीं है इसीलिए  यह comments  को fast load करता है। 

Spam कमेंट :- ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि ब्लॉगर नहीं चाहता हो कि इसमें लोग फालतू का लिंक add करें जो लोगों के privacy के खिलाफ हो। 

तो ऐसे और भी कई कारन हो सकते हैं , जिसके चलते ब्लॉगर ने अपने comment box में लिंक को disable रखा है। 

blogger comment me link add kare
blogger comment me link add kare

ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक क्यों Add करते हैं ?

ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक Add करने के कई कारन हो सकते हैं :-

मदद के लिए :- जब भी कोई comment में सवाल पूछता है तो उसका जवाब कहा है , कौन से वेबसाइट में है इसको बताने के लिए लिंक add करना जरूरी हो जाता है। लिंक होने पर लोगों को बोहोत मदद हो जाती है , वह डायरेक्ट ही उस वेबसाइट में जा पाते हैं। 

Traffic के लिए :- कमेंट बॉक्स में पोस्ट का लिंक add करने से page views बढ़ते हैं , इससे आपके ब्लॉग पोस्ट में अधिक लोग आने लगते हैं। और इस तरह आप अपने ब्लॉग का Traffic भी बढ़ा सकते हैं। 

Backlink :- यदि आप blogging करते हैं तो आपको पता होगा कि backlink क्या होता है। जितना ज्यादा आपके ब्लॉग पोस्ट का backlink होगा उतना ज्यादा chances है कि आपका पोस्ट search engine में  पहले show होगा। तो comment box में लिंक add करके आप अपने ब्लॉग का backlink भी बना सकते हैं। 

Engaging Readers :- कोई भी user जब आपके ब्लॉग में आता है तो उसे बांध करके कैसे रखना है , ये आपको आना चाहिए। जब भी आप comment box में किसी को reply करते हैं तो दूसरे post का link शेयर करे जिससे की users आपके ब्लॉग में बने रहेंगे और इससे ब्लॉग का bounce rate कम हो जायेगा। 

ये भी जाने :-

ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक कैसे Add करें ?

  • सबसे पहले आप नीचे दिए कोड को copy करके comment box में paste करें 
  • <a href="LINK">Keyword</a>
  • फिर LINK की जगह पोस्ट का लिंक डाले और Keyword की जगह लिंक का नाम डाले। 
  • और बस हो गया आपके comment box में लिंक add . 

Example :- 

<a href="https://www.anekroop.com/2020/09/blogger-new-premium-theme.html"> ब्लॉगर थीम </a>

तो इस तरह आप अपने ब्लॉगर comment box में लिंक add कर सकते हैं , जो की बिलकुल आसान है। 

तो दोस्तों यह थी जानकारी कि कैसे आप अपने ब्लॉगर comment box में लिंक add करते हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आयी होगी। यदि इससे सम्बंधित कोई सवाल है तो हमें comment करके जरूर बताये। 

और इस post को अपने दोस्तों तक जरूर share करें। और हमारे blog को Subscribe करें। 

धन्यवाद।